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भेड़िया अब गाय है…

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निबंध
लिखना भेड़िया पर था
निबंध लिखा गाय पर
आखिर क्या करता
यही एक निबंध था जो याद था

सो भेड़िया
भेड़िया नहीं
भेड़िया अब गाय है
भेड़िया मांस नहीं
भेड़िया अब घास खाता है
दूध देता है
दूध से शरीर स्वस्थ बलवान बनता है
गोबर से खाद
खाद से उपज बढ़ती है
उपज से किसानों की आय
दुगनी तिगुनी कई गुना हो जाती है
और किये वादे पर देश एक बार फिर खरा उतरता है
पवित्र भेड़ मूत्र से लाइलाज
बीमारियों का सफल ईलाज होता है

भेड़िया वस्तुतः एक उपयोगी जानवर है

उसे सवाल पूछना था
इसे जवाब देना था
उसे अपने पटाखे बेचने थे
इसे अपनी दिवाली मनानी थी
पटाखे खूब बिके
दिवाली खूब मनी

अदालती फैसला आया
हवा का पीपीएम मापा गया
सौभाग्यवश परंपरा टूटी नहीं
और परंपरा परंपरागत तरीके से मनायी गई

सवाल जवाब का यह मॉक ड्रिल
खूबसूरत और मनोरंजक था
बच्चों का भरपूर मनोरंजन हुआ
तालियां देर तक बजती रहीं

कहीं कोई नाराजगी नहीं
एग्जामिनर खुश
एग्जामिनी खुश
राजा खुश
रियाया खुश
पास फेल का कोई टेंशन नहीं

अरहर की टट्टी
गुजराती ताला
और सुरक्षा की पूरी गारंटी
इश्तहार कलात्मक और कालजयी है

नजर जो हो नजारा जो हो
चश्मा अच्छा है
आंखों पर खूब फबता है
चश्मा बदलने का सवाल ही नहीं उठता है

देह का क्या
आज है कल नहीं
मुख्य तो आत्मा है
अदन के गार्डन का चरम सुख है

प्राचीन गौरव पुनर्स्थापित करने
पांच किलो अनाज देने का वादा पक्का है
गेंहू और गुलाब एक साथ
एक ही तश्तरी में सजा
छप्पन भोग का यह सुख एक अकल्पनीय सुख है

खबर बिल्कुल झूठी है कि
मणिपुर भारत की कोई जगह है
जहां आग लगी है

देशभक्ति से लबरेज यह मौन
इस बात की गवाही है
लोकतंत्र की माता सुरक्षित
एक सुरक्षित हाथ में है

  • राम प्रसाद यादव

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