Home कविताएं विश्व आदिवासी दिवस पर दुनिया भर के आदिवासियों को समर्पित कविता

विश्व आदिवासी दिवस पर दुनिया भर के आदिवासियों को समर्पित कविता

0 second read
0
0
1,054
विश्व आदिवासी दिवस पर दुनिया भर के आदिवासियों को समर्पित कविता
विश्व आदिवासी दिवस पर दुनिया भर के आदिवासियों को समर्पित कविता

हमारा खून हमेशा बहता रहा है
हम लिखते रहे हैं
शूरू से ही आजादी का इतिहास
जहां हम रह सके
खुली हवाओं के साथ

हमने कभी घुटने नहीं टेका किसी
सल्तनत के सामने
नहीं किया किसी
राजा से फरियाद

हम अपने ही दम पर
लड़ते रहे नदियों के लिए कि
कोई इनकी धारा को रोकने न पाए
बचाते रहे जंगल की हरियाली को कि
कोई इसे उजाडने न पाए

हमारा जल, जंगल और जमीन से
न जाने कैसा रिश्ता है कि
नही बरदास कर पाते हैं
इनकी तरफ उठी उंगलियों की ललकार
चाहे वो मुगल रहे हो या अंग्रेज
हमने हमेशा दिया है इन सबको
मुंहतोड़ जवाब

हमारी ये लड़ाईयां
अगर इतिहास के पन्नों में नहीं है
तो इसका है सीधा जवाब
मेरे बन्धु,
हमने किसी राजा के लिए नहीं लड़ा है
जिनका रहा है इतिहास गुलाम

हमने लड़ा है
इन जंगलों के लिए
इन पहाड़ों के लिए
जिन पर मर मिटने वालों के लिए
इतिहास में लिखने की
कोई परम्परा नहीं है

आगे से ऐसा होगा तो
उसमें सिकंदर का नाम नहीं होगा
नहीं होंगे अशोक महान !

  • विनोद शंकर

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…