मनीष आजाद
भारत जैसे देशों में महिलाओं को मातृत्व का सुख उनके व्यक्तित्व और उनकी पहचान को कत्ल करके ही संभव होता है. लेकिन कुछ खुद्दार महिलाएं ऐसी भी हैं, जो अपने मातृत्व को अपनी पहचान के साथ जोड़ कर रखती हैं और कभी-कभी तो मातृत्व के माध्यम से ही वे पितृसत्ता को चुनौती भी देती हैं. ऐसी ही कहानी है स्पेन के मशहूर डायरेक्टर ‘पेड्रो अलमोदोवार’ (Pedro Almodóvar) की 2021 में आयी फिल्म ‘पैरेलल मदर्स’ (Parallel Mothers) की.
40 वर्षीय फोटोग्राफर ‘जेनिस’ और 17 वर्षीय ‘एना’ एक अस्पताल में डिलिवरी के लिए भर्ती हैं. दोनों का बच्चा पैदा करने का फैसला उनका अपना है. जेनिस अपने ‘फोरेंसिक आर्कियोलॉजिस्ट’ मित्र अरतूरो से गर्भवती है, जबकि एना का बॉयफ्रेंड उसका अश्लील विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करते हुए अपने अन्य दोस्तों के साथ एना को सेक्स करने पर मजबूर करता है. इसलिए एना को ठीक ठीक नहीं पता कि उसके पेट में पल रहे बच्चे का बाप कौन है. अरतूरो पहले से शादीशुदा है और वह जेनिस को गर्भपात की सलाह देता है. जेनिस को यह कहकर जलील करने का भी प्रयास करता है कि उसे विश्वास नहीं है कि जेनिस के पेट में पल रहा बच्चा उसका ही है.
बहरहाल जेनिस और एना की यहीं अस्पताल में दोस्ती होती है. दोनों एक दूसरे से फोन नंबर का आदान-प्रदान करती हैं. दोनों एक ही दिन बच्चे (लड़की) को जन्म देती हैं. और फिर अपनी-अपनी दुनियां में लौट जाती हैं लेकिन असल फिल्म तो इसके बाद शुरू होती है.
कहानी अचानक मोड़ लेती है और जेनिस को पता चलता है कि एना और जेनिस की बच्चियां आपस में बदल गयी थी. जेनिस एना को संपर्क करती है. एना तलाकशुदा स्टेज एक्टर मां के साथ एक तनावपूर्ण रिश्ते में रह रही है. एना जेनिस को बताती है कि उसकी बच्ची एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गयी और उसकी मृत्यु हो गयी. वास्तव में यह जेनिस की बच्ची थी और जेनिस की बच्ची वास्तव में एना की है. इस बेहद जटिल तनावपूर्ण भाव को जेनिस ने बहुत ही कुशलता के साथ स्क्रीन पर जिया है.
बहरहाल जेनिस एना को अपने साथ घर लाती है और दोनों बेहद अन्तरंग और भावुक संबंधों में एक दूसरे के साथ जीने लगते हैं. गणित में सामानांतर रेखाएं भले ही कभी न मिलती हो. लेकिन इस फिल्म में ‘सामानांतर माताएं’ एक दूसरे में विलीन हो जाती हैं. खूबसूरत ‘क्लोज़ अप’ व आकर्षक दीवार-पेंटिंग्स के साथ अर्थपूर्ण ‘इंटीरियर डिजाइन’ की पृष्ठभूमि में दोनों के खूबसूरत रिश्ते इस फिल्म को नई उचाई प्रदान करते हैं.
बहरहाल यहीं पर एना की जेनिस की बच्ची के साथ भावनात्मक रिश्ता बनता है, जो वास्तव में उसी की बेटी है. कुछ समय बाद अपने तीक्ष्ण मानसिक अंतरद्वन्द पर विजय पाने के बाद जेनिस एना को सच बता देती है. एना के लिए इस सच का सामना करना आसान नहीं था. वह इस बात से दुःखी और नाराज़ भी है कि जेनिस ने अब तक इस सच को उससे क्यों छुपाया. जेनिस के इस व्यवहार से बेहद दुःखी एना, जेनिस की बच्ची यानी अपनी बच्ची को लेकर घर से निकल जाती है. जेनिस के बहुत रोकने पर भी नहीं रूकती.
लेकिन अगर फिल्म इतनी ही होती तो यह एक ‘अच्छी फिल्म’ होकर रह जाती. लेकिन डायरेक्टर पेड्रो अलमोदोवार ने इन दोनों महिलाओं की वर्तमान व्यक्तिगत त्रासदी को स्पेन की राजनीतिक त्रासदी से बहुत कुशलता से जोड़ दिया. यानी फिल्म ‘पर्सनल’ से ‘पोलिटिकल’ हो जाती है और इस तरह फिल्म एक ‘क्लासिक फिल्म’ में तब्दील हो जाती है.
स्पेन में फ्रांको (Francisco Franco) के तानाशाही वाले काल में करीब 1 लाख लोगों को मार कर गुमनाम कब्रों में दफना दिया गया था. स्पेन में लोकतंत्र बहाल होने के बाद इन गुमनाम कब्रों को खोदकर दफनाये गये लोगों की पहचान करने और फिर उनके परिवारजन द्वारा उन्हें समान-पूर्वक दुबारा से दफ़नाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाने लगा. 2000 के बाद तो इसने एक सामाजिक आन्दोलन का ही रूप ले लिया. इस सन्दर्भ में स्पेन में एक कानून भी पास हुआ. जिसका नाम भी काफी दिलचस्प है- ’historical memory law 2007’
जेनिस के दादा और परिवार के अन्य सदस्य भी फ्रांको की क्रूरता के शिकार हुए थे. जेनिस अपने फोरेंसिक आर्कियोलॉजिस्ट मित्र अरतूरो की मदद से एक गुमनाम कब्र को खोदने का आग्रह करती है, जहां उसके दादा और परिवार के अन्य लोगों के होने की संभावना है. जब वह अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में एना को बताती है तो एना का रुखा सा जवाब होता है कि इससे क्या होगा. मेरा इससे कोई वास्ता नहीं. तब जेनिस का जवाब फिल्म को एक नयी उंचाई दे देता है. जेनिस कहती है कि क्या तुम यह नहीं जानना चाहती हो कि तुम कौन हो ?
The personal is political. यहीं पर मशहूर ब्लैक एक्टिविस्ट ‘जेम्स बाल्डविन’ का एक उद्धरण याद आता है- ‘इतिहास अतीत नहीं है. यह वर्तमान है. हम अपने साथ अपने इतिहास को लेकर चलते हैं. हम अपना इतिहास हैं. अगर हम इसके अलावा कोई और बहाना करते हैं, तो हम सच में अपराधी हैं.’
यानी चाहे व्यक्तिगत जीवन हो या फिर इतिहास, सच का सामना करना ही पड़ता है. चाहे वह जेनिस के व्यक्तिगत जीवन का सच हो या स्पेन के इतिहास का सच हो. और यह भी कि सच हमें यूं ही नहीं मिल जाता, बल्कि हम सबको व्यक्ति और इतिहास के स्तर पर अपने सच के लिए मुश्किल और प्रायः त्रासद खुदाई करनी ही पड़ती है.
खोदी गयी कब्र में बहुत से कंकाल हैं, जो जेनिस के परिवार के ही हैं.
फिल्म का अंतिम दृश्य कभी न भूलने वाला बहुत ही प्रभावकारी और अर्थपूर्ण दृश्य है. फिल्म के अंतिम फ्रेम में उसी कब्र में फिल्म के लगभग सभी कलाकार लेटे हुए हैं और स्क्रीन पर एदुवार्दो गैलियानो का मशहूर उद्धरण तैर रहा है-
‘कोई भी इतिहास मूक नहीं होता
चाहे उसे कितना भी जलाया जाय
चाहे उसे कितना भी नष्ट किया जाय
चाहे उसके बारे में कितना भी झूठ फैलाया जाय
मानव इतिहास की जुबान कभी भी खामोश नहीं हो सकती.’
यह फ़िल्म इस समय ‘अमेज़न प्राइम’ पर उपलब्ध है.
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