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अमेरिका से लौटते ही नरेंद्र मोदी चुनावी मोड में आ गए…

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अमेरिका से लौटते ही नरेंद्र मोदी चुनावी मोड में आ गए...
अमेरिका से लौटते ही नरेंद्र मोदी चुनावी मोड में आ गए… (कार्टून : हेमन्त मालवीय)
राम अयोध्या सिंह

मिस्र होते हुए अमेरिका से लौटते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी मोड और मुड में आ गए, जिसका सबूत उन्होंने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से पांच बंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर की. यह हरी झंडी संघ, भाजपा और इनसे जुड़े सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं के लिए चुनावी सिग्नल का भी संकेत था. अमेरिकी यात्रा की अपनी बदनामी और असफलता को छुपाने के लिए और अपने समर्थकों को उत्साहित करने के लिए जिस जोशो-खरोश और विरोधी दलों के खिलाफ आक्रामकता के साथ उन्होंने चुनावी बिगुल का सिंहनाद किया, वह अपने आप में बहुत कुछ कहता है.

सभी संघियों, भाजपाईयों और इनके समर्थकों को 2024 के आमचुनाव के लिए ललकारते हुए उन्होंने कहा कि यह चुनाव हमारे लिए एक चुनौती है, जिसे सभी कार्यकर्ताओं को स्वीकार करना होगा, और ‘हमारा बूथ, सबसे मजबूत’ के मिशन के साथ चुनाव के लिए पूरे देश में अपने को सक्रिय करना होगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि जनता भाजपा को पुनः जिताने के लिए कमर कस चुकी है, और अब यह हमारे कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि वे ग्रामीण स्तर तक गांव-गांव में अपनी सक्रियता साबित करें. इसके लिए उन्होंने एक गुर भी अपने कार्यकर्ताओं को बतलाया कि गांव या किसी भी छोटे से छोटे स्थान पर भी प्रतिदिन एक समाचारपत्र खुद पढ़ें, उस पर बहस करें, और पुनः उस अखबार को जनसाधारण के लिए एक निश्चित जगह पर रख दें, ताकि अधिक से अधिक लोग पढ़ सकें.

अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को चुनाव में लिए आह्वान करते हुए 2024 चुनाव का मुख्य एजेंडा भी तय कर दिया. संघ की स्थायी, सफल और अबतक आजमाई गई सांप्रदायिकता की नीति और राजनीति को पुनः चुनाव का आधार बनाते हुए ‘एक देश, एक कानून’ या समान नागरिक संहिता की बात की है. साथ ही तीन तलाक़ और तुष्टिकरण की नीति को भी निशाने पर रखा. उन्होंने घर और परिवार का उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि एक ही घर या परिवार में दो तरह के कानून या नियम कैसे चल सकते हैं. समान नागरिक संहिता के अबतक लागू न हो सकने के लिए विरोधी दलों को उन्होंने निशाने पर लिया.

बंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से भी उन्होंने चुनाव प्रचार करने का अवसर नहीं छोड़ा. हर जगह और हर स्टेशन पर भगवा वस्त्रधारी पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ इन ट्रेनों का स्वागत किया. समाज के धनी और विशिष्ट लोगों के लिए समर्पित बंदे भारत ट्रेनों को भी मोदी अपनी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं. रांची में तो ट्रेन के स्वागत में खुद झारखंड के राज्यपाल ने न सिर्फ ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, बल्कि ट्रेन के एग्जिक्यूटिव कोच में सवार भी हुए. ट्रेन के उद्घाटन जैसी मामूली बात को भी बड़े तामझाम के साथ एक प्रमुख इवेंट में बदल देने की कला में मोदी जी माहिर हैं, जबकि हर कोई इस बात को अच्छी तरह से जानता है कि बंदे भारत ट्रेन समाज के विशिष्ट लोगो के लिए है, न कि सामान्य नागरिकों के लिए.

पटना में भी प्लेटफार्म संख्या दस पर ट्रेन के पहुंचने के बाद भव्य स्वागत हुआ. करबिगहिया छोर पर दस नंबर प्लेटफार्म पर भव्य मंच बनाया गया था, जहां राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर, बांकीपुर विधायक नितिन नवीन और दीघा विधायक संजीव चौरसिया और कई अन्य गणमान्य मौजूद थे. प्लेटफार्म पर आने पर ट्रेन का बैंड बाजे के साथ भव्य स्वागत हुआ, जहां देखने के लिए भारी भीड़ जुटाई गई थी. पटना-रांची बंदे भारत ट्रेन के अलावा मोदी जी ने भोपाल-इंदौर, भोपाल-जबलपुर तथा गोवा-मुंबई और बंगलूर-धारवाड़ बंदे भारत ट्रेन को भी वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

एक तरफ निजीकरण के नाम पर देश के रेलवे स्टेशनों तथा प्रमुख रेलगाड़ियों को अडानी के हाथों बेचा जा रहा है, तो दूसरी ओर पैसे वालों के लिए बंदे भारत ट्रेन चलाकर वाहवाही भी लूट रहे हैं. एक तरफ जहां सर्वसाधारण के लिए ट्रेनों की संख्या कम होती जा रही है, वहीं पैसे वालों के लिए बेहतर सुविधाओं के साथ नई ट्रेन चलाई जा रही है, और इसे ही अपनी महान उपलब्धि समझकर वाहवाही भी लूट रहे हैं. यह देश की जनता के साथ क्रुर मजाक नहीं तो और क्या है ?

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस, सपा, राजद, एनसीपी, नेशनल कांफ्रेंस और केसीआर का नाम लेते हुए कहा कि ये सभी दल किसी परिवार के पारिवारिक हितों के संवर्धन के लिए बनाई गई हैं, और वंशवाद और परिवारवाद की परंपरा पर चल रही है. मोदी ने विरोधी दलों के संभावित गठबंधन को उनकी घबराहट बताया और कहा कि उनकी घबराहट ही बता रही है कि जनता भाजपा को वापस लाने का मन बना चुकी है. विरोधी दलों पर अपनी आक्रामकता दिखाते हुए उन्होंने उनके भ्रष्टाचार को पुनः उजागर किया.

उन्होंने कांग्रेस के 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला घोटाला, 1.74 लाख करोड़ रुपये का टू जी स्पेक्ट्रम, 70,000 करोड़ रुपये का कामनवेल्थ गेम और 10,000 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटालों की चर्चा की. राजद के चारा, बाढ़ और पशुपालन घोटाले की चर्चा की. साथ ही डीएमके के सवा लाख करोड़ की संपत्ति अर्जित करने, तृणमूल कांग्रेस के 23 हजार करोड़ के रोजवैली, शारदा, शिक्षक भर्ती एवं कोयला तस्करी एवं एनसीपी के को-ओपेरेटिव बैंक, सिंचाई और अवैध संपत्ति की बात की. पर, मोदी यह नहीं बता सके कि अपने नौ साल के शासनकाल में उन्होंने कांग्रेस के घोटालों को साबित क्यों नहीं किया ? क्या किसी ने रोका था ?

मोदी जी, इस बात को पूरा देश जानता है कि मनमोहन सिंह सरकार के जिन घोटालों का प्रचार कर आपने प्रधानमंत्री का पद पाया है, उसके संबंध में खुद प्रवर्तन निदेशालय के विनोद राय ने ही अपनी गलती को स्वीकार करते हुए यह माना कि इस तरह का कोई घोटाला हुआ ही नहीं था. यही नहीं, अगर घोटाले हुए तो आपने अबतक किसी को सजा क्यों नहीं दिलवाई ? अब आपसे ताकतवर तो भारत में कोई नहीं है. राजद के लालू प्रसाद यादव के संबंध में भी हर कोई जानता है कि उन्हें आडवाणी को जेल भेजने और सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ते रहने की सजा मिली है. इसी तरह स्टालिन, ममता बनर्जी और शरद पवार को भी आजतक आपने सजा नहीं दिलवाई, आखिर क्या कारण हैं ?

मोदी जी, आप हमेशा ही अपनी गलतियों, कारगुज़ारियों और भ्रष्टाचार को दूसरे के गुनाहों से छुपाने का प्रयास करते रहे हैं. गोधरा ट्रेन कांड और गुजरात के नरसंहार की सच्चाई क्यों अबतक सामने नहीं आई ? दुनिया भर में भ्रष्टाचार के सारे आंकड़ों को आपने पार कर लिया है, और सारे रिकॉर्ड भी तोड़ डाले हैं, क्या इसकी भी कभी चर्चा करेंगे ? प्रधानमंत्री केयर फंड, नोटबंदी, जीएसटी, और गुजराती पूंजीपतियों को भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर अपने संरक्षण में विदेशों में भगवाने का मामला, पूंजीपतियों को बीस लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी, बीस लाख करोड़ रुपये की कर्ज माफी, अडानी के खाते में 20,000 करोड़ रुपये का मामला, 80,000 करोड़ रुपये के पांच सौ के नोटों का रिजर्व बैंक में न पहुंचना, मूर्तियों और मंदिरों के निर्माण पर अनावश्यक और फिजुलखर्ची करना, अपनी यात्रा के लिए 8000 करोड़ रुपये का विशेष विमान, विदेश यात्रा पर अनावश्यक फिजुलखर्ची, अपने शौक पूरा करने के लिए प्रतिदिन दो करोड़ का खर्च, दस एकड़ में प्रधानमंत्री के लिए नया विशाल और भव्य भवन का निर्माण, 20,000 करोड़ रुपये का सेंट्रल विस्टा पर अनावश्यक फिजुलखर्ची, रिजर्व बैंक से दो लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन संरक्षित राशि की निकासी, देश की सारी संपत्ति, संपदा और प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही सारे सार्वजनिक उपक्रमों, कल-कारखानों, कंपनियों, निगमों, बंदरगाहों, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट से लेकर रेलवे और सैनिक छावनियों की जमीन बेचने के घोटाले पर तो आपने कुछ नहीं कहा. मोदी जी, सच्चाई यही है कि आपके शासनकाल में जितने भ्रष्टाचार और घोटाले हुए हैं, उससे भारत के  पहले के सारे रिकॉर्ड टूट गये. अगर ऐसा नहीं होता तो फिर भारत भ्रष्टाचार का एशियाई चैंपियन और विश्व में चौथे नंबर पर न होता.

इसके साथ ही मुसलमानों के पिछड़े समुदाय पसमांदा समाज को अपने हक में साधने के लिए भाजपा ‘मोदी मित्र’, ‘पसमांदा संवाद’, और ‘संपर्क समर्थन अभियान’ के माध्यम से भाजपा मुसलमानों और खासकर महिलाओं तक पैठ बनाने का प्रयास करेगी. साथ ही, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा 15 जुलाई से घर-घर जाकर मुसलमानों से जुड़ने का प्रयास करेगी. मोदी जी, क्या आपके इस अभियान से मुसलमान आपके द्वारा इसके पूर्व मुसलमानों के खिलाफ किये गए सारे अत्याचारों, दंगों, सांप्रदायिक वैमनष्यता, बुलडोजर न्याय, कश्मीर और धारा 370 , मुज़फ्फरनगर, मेरठ और भागलपुर दंगों, गोधरा ट्रेन कांड, गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ हुए नरसंहार, तीन तलाक़ और मुस्लिम पर्सनल लॉ और बाबरी मस्जिद विध्वंस और राममंदिर के लिए सुप्रीम कोर्ट से डलात निर्णय करवाने की चोट को भूल जायेंगे ?

मोदी जी, आपको भारत के मुसलमान ही नहीं, अधिकतर हिन्दू और अन्य धर्मों और संप्रदाय के लोग भी अच्छी तरह से जान गये हैं. जिस प्रधानमंत्री की नौ सालों में भी बिगड़ी जुबान तक नहीं सुधरी, उसका चरित्र, चाल-चलन, मानसिकता और क्रुर व्यवहार कैसे बदल जायेगा. आपकी असंवेदनशीलता का आलम तो यह है कि एक महीने से जल रहे मणिपुर की खोज-खबर लेने की बात तो दूर है, आपने अपने मुंह से एक शब्द भी नहीं बोला.

मुसलमानों की बात तो छोड़िये ही, हिन्दुओं में भी पिछड़े, अति पिछड़े, दलितों और महादलितों के साथ आपने अबतक जो कुछ भी किया है, वह सभी को पता है. भारत के जनजातियों के साथ जिस क्रुरता का परिचय आपने दिया है, वह उन्हें भी पता है. भारत के बहुसंख्यक मेहनतकशों की जिंदगी को आपने जिस तरह से जलील किया है, और उन्हें रोटी के लिए भी तरसाया है, यह उन्हें भी मालूम है. लघु और मध्यम उद्योगों को खत्म कर उनके लिए आपने जिस तरह से मौत का दरवाजा दिखाया है, यह भी उन्हें मालूम है. किसानों को अपना कानूनी हक पाने के लिए भी आपने उन्हें साल भर सड़कों पर मरने के लिए मजबूर किया है. आज भी किसानों के प्रति आपका वही अमानवीय व्यवहार है.

महिलाओं के संबंध में आपकी नियत और आपकी संकीर्ण मानसिकता का पता चल गया है. बलात्कारियों को जिस तरह से भाजपाईयों ने सार्वजनिक मंचों से सम्मानित किया है, उनके समर्थन में जुलूस निकाला है तथा नारे लगाये हैं, वह आपकी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे की असलियत को खोल दिया है. नवजवानों को बेरोजगार बनाकर उन्हें दर-दर भटकने और भूखों मरने के लिए आपने मजबूर किया, क्या वे यह भी भूल जायेंगे ?

धर्म और राष्ट्र के खोखले नारे से किसी की जिंदगी नहीं चलती. जिस तरह से आपने शिक्षण संस्थानों और संस्थाओं को सुनियोजित तरीके से बर्बाद किया है, देश के नामी-गिरामी विश्वविद्यालयों को बर्बाद करने के लिए हर संभव प्रयास किया है, तथा देश के बहुसंख्यक नौनिहालों को अशिक्षित और अनपढ़ बनाकर उन्हें गुलाम बनाने का षड्यंत्र किया है, यह भी हम अच्छी तरह से जानते हैं. तर्क, विज्ञान, वाद-विवाद और संवाद, चिंतन-मनन, नवोन्मेष और सत्यान्वेषण, अनुसंधान और आविष्कार के बदले आपने जिस तरह से धार्मिक अंधविश्वास, पाखंड, कर्मकांड, भाग्यवाद, सांप्रदायिकता, जातिगत भेदभाव, सामाजिक वैमनष्यता और लंपटता को बढ़ावा दिया है, वह भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है.

आपके ऐसे सभी कार्य भारत को एक ऐसे अंधकार युग में ले जायेगा, जो सैंकड़ों साल तक अपने इस चोट को सहलाता रहेगा. आपने भारत को आर्थिक दिवालियेपन, सामाजिक विभाजन, धार्मिक कट्टरता और असहिष्णुता, राजनीतिक जड़ता और सांस्कृतिक विकृति की जिस परंपरा की नींव डाली है, उससे भारत न जाने कबतक विकलांग बना रहेगा. हां, अब भारतीयों के पास आपके इन कारगुज़ारियों के खिलाफ लड़ने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है.

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ROHIT SHARMA

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