आभा शुक्ला
क्या गारंटी है कि जिन 40 को सुरक्षा बलों ने मारा वो उग्रवादी थे…? जब कि खुद सुरक्षा बल वहां दुकानों में आग लगा रहे हैं…!
दुकान में आग लगाने के सबूत बाहर आने के बाद केंद्रीय रैपिड एक्शन फोर्स के तीन जवानों – प्रदीप कुमार, कुलदीप सिंह और सोमदेव आर्य को निलंबित किया गया है…, क्या ये जवान कम है किसी उग्रवादी से…?
इन जवानों के किए की सजा शायद किसी और ने गोली खाकर चुकाई हो….
पूरे देश में जहां-जहां आगजनी और हिंसा हुई है, वहां-वहां खुलकर पुलिस का हाथ होने का सबूत आया जरूर है…., इसके बाद भी 40 को गोली मार दी गई सो कॉल्ड उग्रवादी कह के….
शर्मनाक…
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