Home ब्लॉग आभा का पन्ना फिल्में देखकर तुम कितना सबक लेते हो…?

फिल्में देखकर तुम कितना सबक लेते हो…?

2 second read
0
0
634
आभा शुक्ला

केरला स्टोरी फिल्म देख कर वो लोग भी आंखें खुलने की बात कह रहे हैं जिनकी आंखें कभी ‘शुद्र द राइजिंग’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘चिंगारी’, ‘लज्जा’, ‘पिंक’ और ‘मुल्क’ देखकर नहीं खुली…

जाने स्त्री विमर्श पर कितनी फिल्में आई और चली गई पर औरत का सम्मान करना नहीं सीख पाए…! बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे मुद्दे पर मातृ, पिंक, छपाक, जागो जैसी कितनी फिल्में आई और चली गई…, किसी को याद भी नहीं है…

बागवान देखकर भी वृद्धाश्रम बंद नहीं हुए…, लज्जा देखकर भी अग्निपरीक्षा पर सवाल नहीं उठे…, अक्षय कुमार वाली जॉली एलएलबी देखकर भी फेक एनकाउंटर पर सवाल उठाना नहीं आया…, चिंगारी देखकर भी धर्म के पुरोधाओं की सच्चाई नहीं भांपी…, अब केरला स्टोरी देखकर एकदम से आंखें खुल गई…! अभी आश्रम सीरीज जब आई थी तब आंखें पाकिस्तान चली गई थीं तुम्हारी…

अरे जाओ बे…! फिल्में देखकर तुम कितना सबक लेते हो पता है हमें…! जब ये सब फिल्में बन रही थी तब कोमा में नहीं थे तुम…? तब आंखों के ढक्कन नहीं खुले तुम्हारे…? अब खुल गए…!

भाग निर्लज्ज कहीं के…..

#मन_की_भड़ास

Read Also –

फिल्मी पर्दों पर अंधविश्वास, त्यौहारों के नाम पर राजनीतिक प्रोपेगैंडा का खतरनाक खेल
राष्ट्रवादी नशा की गहरी खुराक परोसता भारतीय फिल्म उद्योग
भारतीय सिनेमा पर नक्सलबाड़ी आन्दोलन का प्रभाव
‘मदाथी : अ अनफेयरी टेल’ : जातिवाद की रात में धकेले गए लोग जिनका दिन में दिखना अपराध है
गोदी मीडिया के बाद गोदी सिनेमा ताकि अपनी नफरत को न्यायोचित ठहरा सके
केरला स्टोरी : वास्तविक मुसलमान इस फ्रेम में कहां फिट होता है ?
‘कश्मीर फाइल्स’ के नफरत की आंच पर तैयार होता ‘हिटलर महान’ का नारा
वाकई लाजवाब फिल्म है लाल सिंह चढ्ढा
‘लिखे हुए शब्दों की अपेक्षा लोगों को फिल्मों से जोड़ना अधिक आसान है’ – हिटलर 

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In आभा का पन्ना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…