आभा शुक्ला
‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरला स्टोरी’ बनाने वालों को अभिव्यक्ति की आजादी है…. कल से अगर हम अपनी फेसबुक वॉल पर गुजरात फाइल्स, मणिपुर फाइल्स छापने लगे तो अभिव्यक्ति का ‘अ’ भूल जायेंगे ये…. ऐसा लगेगा मानो मैंने जुकरबर्ग की भैंस खोल ली….
तुरंत अकाउंट बंद हो जायेगा….. धड़ाधड़ ट्विटर पर दो चार एफआईआर हो जाएंगी…. कमिश्नर साहब संज्ञान भी ले लेंगे और आकर खड़े हो जाएंगे हमारे दरवाजे…..
अंधभक्त मुंह लटकाकर कहेंगे कि अभिव्यक्ति की आजादी तो है लेकिन आप गुजरात का सच दिखाकर सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ रही हैं, इसकी आजादी नहीं है…..
अभी हम लिखें –
– हीरामंडी की अटल कहानियां…
– द ट्रू स्टोरी ऑफ परमोद महाजन…
– जसोदाबेन : औरत तेरी यही कहानी…
– सहेली बनी सौतन…
– इंद्रेश कुमार: समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट…
– आडवाणीनामा ….
कसम से…. झेल नहीं पाओगे…. हम तो खैर फिर भी 500 केरला फाइल्स झेल जायेंगे…. लेकिन वो एक कहानी नहीं झेल पाएंगे इनमें से….
बात करते हैं….
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