तुम्हारे कोमल हथेलियों की छुअन
अब तक स्मृति में है मेरे
तेरे होंठों की तपन
का अहसास है मुझे
गुलाबी होंठों से झांकती
तुम्हारे झक सफेद टेढ़े दांत
तेरी बड़ी-बड़ी गहरी काली आंखें
ध्यानमग्न विश्वामित्र को भी
झकझोर जाती है
लम्बी-सी दुपट्टे के नीचे से
आमंत्रण देता तुम्हारा धड़कता दिल
प्रिय !
इंतजार करूंगा तेरा
इस आठवें जनम में तेरा
गढ़ेंगे हम एक नई दुनिया
जहां प्रेम अमरता का परिचायक होगा !
- रोहित शर्मा
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