आभा शुक्ला
भारत में तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहेंगी –
- औरत का चरित्र
- दलित की योग्यता
- मुसलमानों की देशभक्ति
यदि आप थोड़े भी समझदार व्यक्ति हैं तो किसी को भी ये तीन बातें साबित करने के लिए अपना समय बर्बाद न करें….
अनुभव से कह रही क्योंकि मैंने इन तीनों मुद्दों पर खूब बहस करके देखा है…!
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आज कल ब्राह्मण होने की ये आवशयक शर्त हो गई है कि मैं सदैव तन-मन-धन से भाजपा के पक्ष में रहूंगा/रहूंगी….! लोग मुझे यही ताना देते हैं कि अरे ब्राह्मण होकर बीजेपी विरोधी हो….! ये नही होना चाहिए….!
क्यों भाई….? क्या ब्राह्मणों के कुल देवता हेडगेवार अब हैं….?
ब्राह्मण घर में जन्म ले लिया तो प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे राष्ट्रपिता के कातिलों के प्रेमियों का समर्थन करूं….?
ऐसी गद्दारी करुं मुल्क और गांधी के साथ….?
क्या आपका ब्राह्मणत्व आपको इजाजत देता है कुलदीप सेंगर, प्रदीप जोशी और प्रज्ञा सिंह ठाकुर का समर्थन करने की…?
सुना है सबसे बड़ी अंतरात्मा की आवाज होती है….और मेरी अंतरात्मा की आवाज मुझे बीजेपी का सपोर्ट करने की इजाजत नहीं देती….!
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