आभा शुक्ला
आखिर कांग्रेस मुसलमान विरोधी साम्प्रदायिकता पर सीधे और स्पष्ट स्टैंड क्यों नहीं लेती ….? पीएफआई के मुद्दे पर राहुल गांधी का कहना है कि सांप्रदायिकता और हिंसा का विरोध किया जाएगा और चाहे वह किसी के द्वारा भी की जा रही हो.
अरे राहुल जी, पीएफआई द्वारा कौन-सी सांप्रदायिकता की गई है…! अपने कानपुर में तो मैंने कभी इसका कोई अस्तित्व नहीं देखा. कानपुर से लोग उठा लिए गए पीएफआई के नाम पर…हद है…! आपको जानकारी भी है कि पीएफआई के नाम पर कितने बेगुनाह लोगों को उठा लिया गया है….? जब जानकारी नहीं है तो आप ऐसा कैसे कह सकते हैं…? अरे मत दीजिए हिंसा का साथ पर ये तो पता कर लीजिए कि हिंसा के नाम पर उठाए गए लोग वाकई में हिंसा में शामिल थे या नहीं….?
आपको भाजपा सरकार से पूछना चाहिए था कि वह पीएफआई की आतंकवादी गतिविधियों पर पहले श्वेत पत्र जारी करे जिससे देश को यह पता चले कि यह संस्था किस तरह की गतिविधियों में लिप्त है, जिसके कारण इसके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है…!
राहुल आप इतना डिफेंसिव क्यों हो रहे हैं….? यही डर है न कि भाजपा आपको मुस्लिम परस्त कहेगी….? कहेगी तो कहने दीजिए…! आपकी पार्टी ने वैसे भी अतीत में बहुत बड़ी बड़ी गलतियां कि हैं गुजरात दंगे के अपराधियों को फांसी पर लटका कर….! आपकी आज जो दशा है इसका भी कारण यही है.
एक और खरी बात बोलूं राहुल जी, अगर आप हिंसा और सांप्रदायिकता के इतने ही खिलाफ थे तो दस साल जब आपकी सरकार रही तब आपकी पार्टी के नेताओं ने क्यों समझौता एक्सप्रेस बम ब्लास्ट, मालेगांव बम ब्लास्ट, अजमेर शरीफ दरगाह ब्लास्ट में शरीक संगठनों को क्यों वैन नहीं किया….? पूछिए मनमोहन सिंह जी से, दिग्विजय सिंह जी से और सोनिया गांधी जी से भी….और जब किसी से जवाब न मिले न, तो हमसे जवाब मांग लीजिएगा. हम आपको बताएंगे कि आपकी सरकार ने इन संगठनों को वैन क्यों नही किया….?
वो क्या है न कि हम पब्लिक हैं…. और पब्लिक के पास हर सवाल का जवाब होता है….!
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