आभा शुक्ला
गुजरात दंगों का चेहरा अशोक मोची आज भी फुटपाथ पर जूता सिल रहा है और अपने किए पर शर्मिंदा है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस का चेहरा दलजीत मुसलमान मुहम्मद आमिर बनकर 100 मस्जिदों का निर्माण करा गया, बाकी अंधे बहरे होकर मरे.
कुरान जलाने वालों, आपका भी अंजाम जल्दी ही दिखाई देगा.
बाकी ये हम बहुसंख्यकों का फेलियर है कि हम अपने अल्पसंख्यक भाइयों को सुरक्षा, सम्मान और समानता नहीं दे सके. धूर्त असल में हम हैं…
हम शर्मिंदा हैं भाइयों….!
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