मगध के लोग
मृतकों की हड्डियां चुन रहे हैं
कौन-सी अशोक की हैं ?
और चन्द्रगुप्त की ?
नहीं, नहीं
ये बिम्बिसार की नहीं हो सकतीं
अजातशत्रु की हैं,
कहते हैं मगध के लोग
और आंसू
बहाते हैं
स्वाभाविक है
जिसने किसी को जीवित देखा हो
वही उसे
मृत देखता है
जिसने जीवित नहीं देखा
मृत क्या देखेगा ?
कल की बात है –
मगधवासियों ने
अशोक को देखा था
कलिंग को जाते
कलिंग से आते
चन्द्रगुप्त को तक्षशिला की ओर घोड़ा दौड़ाते
आंसू बहाते
बिम्बिसार को
अजातशत्रु को
भुजा थपथपाते
मगध के लोगों ने
देखा था
और वे भूल नहीं पाये हैं
कि उन्होंने उन्हें
देखा था
जो अब
ढ़ूंढ़ने पर भी
दिखाई नहीं पड़ते
- श्रीकांत वर्मा
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