दो दिन पहले ही उत्तर कोरिया राष्ट्रपति किम जोंग ने साफ किया है कि यूक्रेन को तबाह करने के लिए अमरीका जिम्मेदार है. किम ने कहा कि अगर अमरीका नहीं होता तो दुनिया में अपेक्षाकृत अधिक शांति बहाली कायम रहती. लेकिन ‘अमरीकी वित्त पोषित मीडिया’ रूस यूक्रेन युद्ध में बार-बार उत्तर कोरिया के नाम का इस्तेमाल कर सीधे तौर पर पुतिन के साथ बहस करने से बच रही है या पुतिन के बारे में लिखने से बच रही है.
इधर उत्तर कोरिया सरकार ने ह्वाइट हाउस को अनर्गल बयान देने से बाज आने के लिए कहा है. उधर दक्षिण कोरिया ने भी उत्तर कोरिया के साथ सीमा विवाद के मामलों को बातचीत के जरिए हल करने में रुचि दिखाई है. कहा जा रहा है कि विगत दिनों उत्तर कोरिया का एक हाइटेक ड्रोन दक्षिण कोरिया सीमा से लगभग 400 किमी अंदर चला गया था, जिसे दक्षिण कोरिया रक्षा विभाग नहीं गिरा पाया और इसके चलते दक्षिण कोरिया की जनता में भारी आक्रोश दिखा, जिसके लिए दक्षिण कोरिया सरकार ने अपने नागरिकों से क्षमा मांगी थी.
बेलारूसी मीडिया के इनपुट के मुताबिक अभी फिलहाल बेलारूसी सीमा के भीतर रूस की लगभग 600 से अधिक सैन्य टुकड़ियां हैं, जिसके तहत 3 लाख 23 हजार सैनिकों का एक विशाल पड़ाव होने की बात कही जा रही है. नाटो देशों ने बेलारूस की धरती पर रूसी सैनिकों को पनाह देने के लिए बेलारूस पर अंतराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है, जिसे बेलारूस ने नाटो की बदहवासी क़रार दिया है.
एक ताजा समाचार के अनुसार रूसी सैनिकों ने कीव पर हमले कम कर दिए हैं. क्रेमलिन ने कहा कि कीव में अब हमारे सैनिकों के लिए गतिरोध नहीं रहा है हालांकि ‘गतिरोध नहीं रहा है’ का मतलब फिलहाल क्रेमलिन ने स्पष्ट नहीं किया है. कुछ खबरों के मुताबिक पश्चिमी देश यूक्रेन को हाइटेक टैंक देने के लिए तैयार तो हुए हैं लेकिन जेलेंस्की उनकी मदद का ऋण कैसे अदा करेंगे, इस पर मामला साफ न होने से फिलहाल यूक्रेन को मदद मिलने में देरी हो सकती है.
यूक्रेन के खेरसान क्षेत्र से क्रेमलिन प्रशासक ने कल देर रात एक टिप्पणी में कहा कि रूसी सैनिकों ने कीव क्षेत्र से लगे इलाके में पिछले दो दिन के अंदर यूक्रेन के 13 टैंकों सहित दर्जनों सैनिकों को उड़ा दिया है. यूक्रेन समाचार इनपुट में भी पिछले तीन दिनों के भीतर 200 से अधिक सैनिक लापता बताए जा रहे हैं. बहरहाल युद्ध जारी है और रूस अभी पीछे किसी भी सूरतेहाल में नहीं हटने वाला है.
नाटो संगठन के एक पूर्व अधिकारी ने कहा है कि ‘उत्तर कोरिया, चीन सहित रूस को लगभग बहुत सारे देशों से मदद मिल रही है. यह हम इसलिए कह रहे हैं कि रूस हर रोज नये घातक हथियारों से सामने आ रहा है और ऐसा अकेला रूस अकेले अपने दम पर कर रहा है, यह सोचना मूर्खता है.’
- ए. के. ब्राइट
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