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आदिवासियों के लिए काम करने वाले फादर स्टेन स्वामी के शिलालेख के उद्घाटन से रोक रही है सरकार

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आदिवासियों के लिए काम करने वाले फादर स्टेन स्वामी के शिलालेख के उद्घाटन से रोक रही है सरकार
आदिवासियों के लिए काम करने वाले फादर स्टेन स्वामी के शिलालेख के उद्घाटन से रोक रही है सरकार
हिमांशु कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ताहिमांशु कुमार

तहसीलदार ने कहा आप इस शिलालेख का उद्घाटन नहीं कर सकते. यह शिलालेख आदिवासियों की निःस्वार्थ सेवा करने वाले फादर स्टैन स्वामी की याद में बनाया गया है. फादर स्टैन स्वामी 84 साल के थे. उनके ऊपर इल्जाम लगाया गया कि यह मोदी को मारना चाहते हैं. फादर स्टैन स्वामी के ऊपर फर्जी मामला बनाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई. उनकी शहादत को याद करने के लिए यह शिलालेख बनाया गया.

इसे तमिलनाडु के सामाजिक कार्यकर्ता पियूष मानुष ने अपनी कॉपरेटिव संस्था द्वारा खरीदी गई निजी जमीन पर धर्मपुरी तमिलनाडु में लगाया. लेकिन तहसीलदार ने आकर कहा कि आप इस शिलालेख का उद्घाटन नहीं कर सकते. तमिलनाडु में तो भाजपा की सरकार भी नहीं है. लेकिन आदिवासियों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के नाम से सारी सरकारें कितना भड़कती हैं यह इसका उदाहरण है.

पूंजीवाद ज्यादा बड़ी ताकत है, जो हर जाति हर धर्म से बड़ी है इसलिए पूंजीवाद का विरोध करने वाले और आदिवासियों का समर्थन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं से हर सरकार चिढ़ती हैं. पियूष मानुष इस आदेश के विरुद्ध तमिलनाडु हाईकोर्ट में गए हैं. लेकिन अदालत मामले का फैसला देने में हिचक रही है.

भारत वालों सावधान हो जाओ तुम्हारा लोकतंत्र, संविधान, आजीविका, ज़मीनें और बैंक में रखा पैसा सब लूट लिया जाएगा और तुम्हें धर्म और मजहब के झुंझुने बजाने के काम में लगाये रखा जाएगा. जागो भारत जागो !

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