क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा ‘यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की चाहें तो युद्ध आज ही खत्म हो जाएगा…’. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ‘हमने न ही युद्ध शुरू किया और न ही हम इसे खत्म करने वाले हैं.’ रूसी राष्ट्रपति की इस दो टूक टिप्पणी ने जेलेंस्की के लिए काफी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.
पिछले महीने क्रीमिया के एक महत्वपूर्ण पुल पर मिसाइल गिराने के कारण यूक्रेन भले ही अब मौन पश्चात्ताप कर रहा हो लेकिन पुतिन ने बेलारूस की सीमा पर 3 लाख अतिरिक्त रिजर्व फोर्स को अगली सैन्य कार्रवाई के लिए तैनात कर यूक्रेन के लिए अतिरिक्त तनाव पैदा किया हुआ है.
3 दिन पहले राष्ट्रपति पुतिन ने क्रीमिया में उस 19 किलोमीटर लंबे पुल पर ड्राइविंग का वीडियो जारी कर सब ठीक-ठाक होने के संकेत दिए और पुल की आंशिक मरम्मत कराकर उसे सैन्य साजो-सामान लाने व ले जाने के लिए अनुकूल बताया. हालांकि पुतिन ने पुल के सामरिक महत्व को समझते हुए अपने सैनिकों से उसे पूरी तरह दुरुस्त करने के लिए कहा.
बेलारूस की समाचार एजेंसी बेल्टा के अनुसार ‘यूक्रेन आंतरिक रूप से भारी बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यूक्रेन की सड़कों पर लाशें सड़ रही हैं, शहरों में बिजली आपूर्ति महीनों से बाधित है. घायलों, मरीजों के लिए दूर-दूर तक कोई सक्रिय मेडिकल इंस्टीट्यूट नहीं है. देश के लगभग सभी विश्वविद्यालय, केन्द्रीय प्रशासनिक कामकाज वाले क्रियाकलाप लगभग बंद हो चुके हैं.
पश्चिमी देशों की मदद पाने में जेलेंस्की अब निराशाजनक स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं. खाद्यान्न भंडारण, बुनियादी मेडिकल सुविधा व जाड़ों के इन कठिन दिनों में नागरिकों के दैनिक इस्तेमाल वाले ईंधन की आपूर्ति का पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर लगभग ध्वस्त हो चुका है. जेलेंस्की इस युद्ध को भारी बेइज्जती के साथ हार चुके हैं. जेलेंस्की जानते हैं कि वो युद्ध में हार चुके हैं इसके बाद भी वह रूसी सैनिकों के हाथों अपने सैनिकों की हत्या करवा रहे हैं.’
क्रेमलिन में एक आधिकारिक बैठक में पुतिन ने अमरीका का उपहास उड़ाते हुए कहा कि ‘पश्चिमी देश हमें मानवाधिकारों का शत्रु बताने का दुष्प्रचार कर रहे हैं लेकिन हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि रूस अपने हितों पर किसी भी तरह के प्रहार को अनदेखा नहीं कर सकता. दुनिया में शांति चाहने वाले देशों का मत रूस के साथ है और हम उनके विश्वास के साथ धोखा नहीं कर सकते. इस बात को नाटो और उसके अंगरक्षक देश भली-भांति समझ लें.’
रूस यूक्रेन युद्ध फिलहाल खत्म नहीं होने जा रहा है. रूस द्वारा कब्जा कर लिए गए यूक्रेनी क्षेत्र से एक रूसी सैन्य अधिकारी के अनुसार नये साल की शुरुआत में रूसी सेना नई रणनीतियों के साथ यूक्रेन पर हमला करेगी. मीडियाई जानकारी के अनुसार दो दिन पहले रूस ने यूक्रेन के कीव शहर में लगातार 70 गोले दाग कर राष्ट्रपति जेलेंस्की को पशोपेश में डाल दिया था. जेलेंस्की ने इस समय कीव शहर में आपातकाल लागू कर दिया है.
जेलेंस्की ने मित्र देशों से और अधिक हथियारों की गुहार लगाते हुए अंदेशा जताया है कि रूस के पास अभी भी बड़े पैमाने पर विनाशक हथियारों का भंडार है. बहरहाल, दुनिया में शांति चाहने वाले देशों में इस युद्ध को लेकर अब खौफनाक भय दिख रहा है. नाटो देश फिलहाल मौन पश्चाताप में लीन हैं तो वहीं इस युद्ध ने अमरीकी दादागिरी को बुरी तरह ठेंगा दिखा दिया है.
विगत दो महीने पहले दुनिया के लगभग 10 देशों ने यह साफ स्वीकार किया कि ‘अमरीका अब पहले की तरह प्रभावशाली देश नहीं रहा इसलिए हमें रक्षा मामलों पर दूसरे देशों पर निर्भरता से गुरेज करना होगा.’ ह्वाइट हाउस ने इस पर प्रतिक्रिया देने के वजाय मौन साध लिया था.
बेलारूस में विशाल पड़ाव डाले हुए रूसी सैनिकों के बीच से एक स्थानीय पत्रकार ने कहा कि यह युद्ध खत्म नहीं बल्कि दुनिया खत्म होगी. इस खबर ने नाटो कंट्रोल रूम के हाथपांव फुला दिए. बाद में रूसी सैन्य अधिकारियों ने कहा वह पत्रकार की एक निजी टिप्पणी थी न कि रूसी सेना की आधिकारिक टिप्पणी.
मामला जो भी हो दुनिया के तमाम देशों में युद्ध की समाप्ति को लेकर बेहद चिंताजनक अनुमान लगाये जा रहे हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि बहुत जल्दी दुनिया के किसी हिस्से में परमाणु बम अपना विध्वंसकारी संग्राम मचाने वाले हैं, संभवतः यही युद्ध समाप्ति का शंखनाद होगा.
ब्रिटेन जहां इस समय घरेलू राजनीति के मामलों में फंसा हुआ है वहीं यूक्रेन को अमरीका की भरपूर मदद के बाद भी रूस ने यूक्रेन में तबाही मचा रखी है. नाटो ने रूस पर उत्तर कोरिया, चाइना, बेलारूस से भारी मात्रा में मिसाइल भंडारण करने का आरोप लगाया है. फिलहाल रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक बार फिर कहा है कि ‘यूक्रेन को रूस की शर्तों पर बातचीत के लिए सहमत होना होगा वरना रणभूमि से जो तय होगा जेलेंस्की उसका इंतजार करें.’
- ए. के. ब्राईट
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