Home ब्लॉग बार बाला की रट्ट लगाने वाली भाजपा की बार बाला स्मृति ईरानी

बार बाला की रट्ट लगाने वाली भाजपा की बार बाला स्मृति ईरानी

16 second read
0
0
946
बार बाला की रट्ट लगाने वाली भाजपा की बार बाला स्मृति ईरानी
बार बाला की रट्ट लगाने वाली भाजपा की बार बाला स्मृति ईरानी

शहीद प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी को बार बाला’ बताते नहीं थकने वाली भाजपा कि असली बार बाला स्मृति ईरानी की ‘बार काण्ड’ पर भाजपा ने मौन साध लिया है. छोटे पर्दे पर डांस करने वाली बाला स्मृति ईरानी की बेटी ने गोवा में बार खोल ली है.

खबर के अनुसार, बार बाला स्मृति ईरानी ने अपने बुरे दिन में अपने घर में पनाह देने वाली उसकी सहेली के पति को अपना बनाकर उसे घर से बेदखल करने वाली स्मृति ईरानी की स्मृति इतनी कमजोर हो गई है कि उसे यह भी याद नहीं रहा कि उसकी खुद की बेटी बार खोलकर बैठ जायेगी.

‘आंख का अंधा नाम नयनसुख’ की प्राचीन कहावत को चरितार्थ करने वाली भाजपा-आरएसएस हर उस कुकर्म में शामिल है, जो सामाजिक दृष्टि से ही नहीं, भारतीय संस्कृति की दृष्टि से भी अपराध है. आये दिन भाजपा के नेता-कार्यकर्ता कभी भ्रष्टाचार में तो कभी हत्याओं में शामिल रहा है. इतना ही नहीं सैक्स रैकेट चलाने और लड़कियों की तस्करी जैसे आरोप भी आये दिन लगते रहे हैं.

स्मृति ईरानी की 18 साल की ‘कॉलेज जाने वाली’ बार बाला (बेटी) : बेबी को बार पसंद है

देश की सत्ता पर काबिज यह भाजपा-आरएसएस भले ही देश के तमाम संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बनाकर खुद के खिलाफ लगे हल आरोपों से ‘बरी’ हो जा रहा है, लेकिन यह देश की भविष्य के लिए बेहद खतरनाक संकेत है. अब भाजपा की केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अकल्पनीय सहयोग से उसके खाते में अब बार बाला वाली असली छबि भी सामने आ गई है. गिरीश मालवीय लिखते हैं –

स्मृति ईरानी जी के पास फिलहाल महिला एवं बाल विकास का पोर्टफोलियो हैं तो उन्होंने अपनी 18 साल की पुत्री ज़ोइश ईरानी के रेस्टोरेंट के लिए एक मरे हुए व्यक्ति के नाम से बार लाइसेंस बनवाया तो क्या गलत किया ? बाल विकास और महिला यानी कॉम्बिनेशन तो बिल्कुल परफेक्ट है.

अब यहां सारी गलती गोवा के आबकारी आयुक्त नारायण एम. गाड की है. उन्होंने ही अवैध रूप से प्राप्त शराब लाइसेंस को लेकर सिली सोल्स कैफे और बार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. लेकिन बेचारे नारायण एम. गाड भी क्या करते ?

उन्हे भी गोवा के एक्साइज कमिश्नर के पद पर 2 महीने पहले ही ज्वाइनिंग मिली. वो समझ ही नहीं पाए कि मामला कितना बडा हो सकता है और वे फंस गए. उन्होंंने एडव रॉड्रिक्स जो गोवा में एक वकील हैं, उनकी एक शिकायत के आधार पर यह कार्यवाही की !

सारी गलती रॉड्रिक्स की ही है. उन्होंने ही यह केस खोला. उन्होंने ही सबसे पहले आरटीआई के जरिए इसके दस्तावेज हासिल किए तो पता चला कि आबकारी विभाग ने ‘सिली सोल्स कैफे और बार’ का लाइसेंस एंथनी दगामा के नाम पर जारी किया,) और उसके साथ जमा किए गए आधार कार्ड के अनुसार वह मुंबई का निवासी था.

अब वकील साब एंथनी दगामा को ढूंढने मुम्बई पहुंच गए. वहां जाकर उन्हें पता चला कि जो एंथनी दगामा कुछ महीने पहले गोवा में बार लाईसेंस मांगने आया था, वो तो 13 महीने पहले ही मर चुका है. वकील साहब मुंबई नगर निगम का एंथनी दगामा का मृत्यु प्रमाण पत्र साथ ले आए, जो मुंबई नगर निगम ने 17 मई, 2021 को जारी किया था.

केस तो अब बनता ही था क्योंकि साफ-साफ़ धोखाधड़ी की जा रही थी. तो एक्साइज कमिश्नर को मजबूरन सिली सोल्स कैफे और बार के मालिक को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी करना पड़ा कि ‘आपने एक मृत व्यक्ति के नाम पर कैसे लाइसेंस मांग लिया ? अब आप 29 जुलाई को हमारे सामने हाजिर हो और इसका जवाब दे.’

जब स्थानीय स्तर पर यह ख़बर सामने आई तो कांग्रेस पार्टी इसे ले उड़ी और उसने सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाए कि ‘संस्कारी स्मृति ईरानी जी की पुत्री ज़ोइश ईरानी गोवा में बार तो चला ही रही है बल्कि मृत व्यक्ति के नाम पर बार लाईसेंस भी बनवा रही है.’

शाम को अपने घर पर प्रेस कांफ्रेंस करते हुए सफेद कपड़े पहने स्मृति ईरानी बिफर पड़ी कि ‘मेरी बेटी का इससे तो कोई संबंध ही नहीं है. यह रेस्टेरेंट और बार उसका नहीं हैं. मेरी 18 साल की बेटी ज़ोइश ईरानी ब्लां ब्लां ब्लां और मेरी 18 साल की बेटी ब्लां ब्लां ब्लां और मेरी 18 साल की बेटी ब्लां ब्लां ब्लां…,. प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पत्रकारों में तो यह गूदा ही नहीं था कि वे स्मृति ईरानी से पूछ लेते कि यदि सिली सोल्स कैफे और बार का मालिकाना हक आपके परिवार का नहीं है तो किसका है ?

इस प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक फूड ब्लॉगर से ज़ोइश ईरानी को यह कहते हुए देखा गया कि ‘वह रेस्तरां सिली सोल्स कैफे और बार’ की मालिक है. बाद में उस फूड ब्लॉगर को उन्होंने अपने रेस्टोरेंट में बना पोर्क भी टेस्ट करवाया.

यह वीडियो आने के बाद स्मृति ईरानी की हालत काटो तो खून नहीं वाली हो गई. वैसे अब 29 जुलाई को स्थिति साफ़ हो जाएगी कि यह सिली सोल्स कैफे और बार किसका है ?

आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि बहुत अंदर तक खुदाई करने से पता चला है कि स्मृति ईरानी के पति जुबिन फरदून इरानी के नाम गोवा में रजिस्टर्ड एक कम्पनी है, जिसका नाम है – VILLANIX REALTORS AND HOSPITALITY PRIVATE LIMITED, स्मृति ईरानी की फैमिली से जुड़ा यह कोई पहला घोटाला नहीं हैं. होटल रिसॉर्ट से जुड़े सेक्टर में इस तरह के घोटाले करने का इनका पुराना रिकार्ड है.

2017 में कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के पति जुबिन फरदून ईरानी MARKAZ हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े, जिसमें दो भाई-रोहित और अमित डायरेक्टर थे. इस कंपनी ने मध्य प्रदेश में उमरिया जिले की मानपुर तहसील में स्थित बीघारी गांव में प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से सटे तेरह एकड़ के भूखंड पर एक रिसॉर्ट बनाने की प्लानिंग की और करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़ा कर अपने फर्म के नाम रजिस्ट्री करा ली.

इसका पता तब चला जब उस जमीन से लगे सरकारी स्कूल के प्रधान अध्यापक ने आपत्ति उठाई कि यह तो सरकारी स्कूल के खेल का मैदान है जहां कंपनी बाड़ा बंदी कर रही है स्कूल के प्रधान अध्यापक ने आरोप लगाया है कि ‘कंपनी ने फेंसिंग करके स्कूल की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है.’

उस वक्त भी एक स्थानीय कांग्रेस नेता पुष्पराज सिंह ने आरोप लगाया था कि प्रशासन जमीन हड़पने के मामले की लीपापोती कर रहा है क्योंकि मामला भाजपा के हाई प्रोफाइल नेता से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े मामले में एसडीएम ने बिना जांच किए ही कह दिया कि जमीन स्कूल की नहीं है.

इस मामले में भूमि हस्तांतरण, पंजीकरण और नामकरण प्रक्रिया इतनी जल्दबाजी में की गई कि सारी पोल खुल गई लेकिन बाद में शिवराज सिंह सरकार ने पूरा मामला दबा दिया. बहरहाल, देखते हैं ‘बार काण्ड’ में 29 जुलाई को कौन सा खेल खेला जाता हैं.

गिरीश मालवीय का आलेख यहां समाप्त हो जाता है. 29 जुलाई को क्या होता है, यह कोई अकल्पनीय नहीं है. निःसंदेह छोटे पर्दे की डांसर की बार बाला बेटी को बचाने के लिए स्मृति ईरानी की बार बाला के बार को नोटिस भेजने वाले अधिकारी हटाये जायेंगे और नया अधिकारी उसे क्लीन चिट देगा. लेकिन सोनिया गांधी को बदनाम करने के लिए भाजपाइयों के इस बार बाला की असली बार बाला देश के सामने आ गया है, यह भारत की जनता की स्मृति से कभी लोप नहीं होगा.

 

Read Also –

वेश्‍यावृत्ति को वैध रोजगार बताने वाले को जानना चाहिए कि सोवियत संघ ने वेश्यावृत्ति का ख़ात्मा कैसे किया ?
भाजपा का भ्रष्टाचार के साथ अदानी का एकाधिकार विकास
सुप्रीम कोर्ट कॉरपोरेट घरानों और हत्यारों-बलात्कारियों का संरक्षण स्थल है
गार्गी कॉलेज में छात्राओं से बदसलूकी
हिन्दुत्व का रामराज्य : हत्या, बलात्कार और अपमानित करने का कारोबार

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…