1
भंवर लाल जैन को मुस्लिम समझ कर
मध्यप्रदेश के नीमच में मार देना
एक तरह से मुनादी करना है
कि हर समय अपने पास रखो
एक तशदीकशुदा हल्फिया बयान
जिस पर लिखा हो
तुम्हारा धर्म, जाति, वर्ग और देश
मतलब तुम्हारी औकात !
जिससे तय किया जा सके
तुम्हारी मौत का समय और स्थान !
भारत-पाक विभाजन
पंजाब और काश्मीर
दिल्ली और गुजरात के दंगों में
तुम्हारी तहकीकात की गई थी
अब अयोध्या-काशी-मथुरा होगा
और तहकीकात दोबारा से की जाएगी
और भंवर लाल जैन जैसा
बेसिर पैर का आदमी
जहां भी होगा
उसे मरना ही होगा!
2
भंवर लाल जैन को मार दिया गया
क्योंकि वह विक्षिप्त था
जो अपना धर्म नहीं जानता
वह विक्षिप्त ही होता है !
धर्म और जाति की पहचान
यहां जिंदा रहने की ज़रूरी शर्त है
अलग-अलग संस्कृतियों को
साथ-साथ रहने की
सदियों से जो परंपरा अभी तक कायम थी
उस पर पुनर्विचार किया जा रहा है
संभव है उसे समाप्त कर दिया जाए !
3
भंवर लाल जैन को
विधर्मी समझकर और फिर मारकर
जो उद्घोषणा की गई है
क्या आपने उसको गौर से सुना
हालांकि वे इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं
कि कोई वंचित न रह जाए इस हुंकार से
इसलिए वे बार-बार उद्घोष करते हैं
उद्घोष करने वाले की आवाज में
कितना कंपन होता है
समय रहते अगर हम
इस कंपन की सच्चाई को पहचान लेते
तो सबके हवा-पानी को
इस छद्म भेड़िया आवाज से
बचाया जा सकता था !
चिंता यही है
कि थर-थर कांपती यह आवाज़
मेरे गांव तक मार करने लगी है
और गांव की पक्की गलियों में
कहीं कहीं कंपन महसूस किया जा रहा है !
- जयपाल
(भंवर लाल जैन एक सत्तर वर्षीय विक्षिप्त बुजुर्ग जिसे मुस्लिम समझ कर मध्यप्रदेश के नीमच में 19.5.2022 को पीट-पीट मार दिया गया.)
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]