Home कविताएं स्वर्ग का रास्ता

स्वर्ग का रास्ता

4 second read
0
0
440

सिर पर बैठ गए धर्म-ग्रन्थ
छाती पर बैठ गया ईश्वर
आंखों पर बैठ गए धर्म-गुरु
पैरों को बांध लिया परंपराओं ने
चरण स्पर्श करते रहे हाथ

पेट को दबाए
मरी हुई आत्मा लेकर
हम चलते रहे उन रास्तों पर
जो हमें नर्क में ले गए
स्वर्ग का वास्ता देकर

2

हम धर्म-ग्रंथों को सिर पर उठाकर घूमते रहे
धर्म-गुरुओं के चरण धोते रहे
राजाओं के लिए युद्ध लड़ते रहे
शहीद होते रहे और महान बनते रहे
ईनाम पाते रहे और नृत्य करते रहे

देखिए किस तरह हम मरे
और बचे रहे तानाशाह !

3

बच्चे बूढ़ों की तरह हो गए हैं बहुत बूढ़े
और बूढ़े जैसे खुदाई से निकले कंकाल
पिता जैसे करंट लगे पक्षी
और मांएं आकाश में खोई-खोई सी
ईश्वर को ताकती हुई

ईश्वर जा छिपा है कण-कण में
अंतर्ध्यान हो गए हैं देवता
समाधी में चले गए हैं दिव्य संत
चरणों में गिर पड़े हैं राष्ट्र

तानाशाह निकला है शिकार पर !

  • जयपाल

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…