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क्या मदर इंग्लैंड ही मदर इंडिया और दुर्गा की संघी परिकल्पना है ?

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क्या मदर इंग्लैंड ही मदर इंडिया और दुर्गा की संघी परिकल्पना है ?
क्या मदर इंग्लैंड ही मदर इंडिया और दुर्गा की संघी परिकल्पना है ?

एक मित्र ने एक तस्वीर भेजी थी, जो कि ब्रिटानिया की पेन्टिंग है. ब्रिटानिया एक महिला योद्धा थी, जिसके नाम पर ब्रिटेन का नाम रखा गया. छान-बीन की तो कुछ तस्वीरें और हाथ लगीं. इन तस्वीरों में से भारत माता की तस्वीर समानान्तर में रखने पर ऐसा लगता है कि अंग्रेजों की चमचागिरी से ही भारतमाता का जन्म हुआ है.

ये वही थे जिनमें माफीवीर, कच्छा और सर जैसे शब्द शामिल थे और आज भी हैं. यहां तक कि कुछ बरस पहले तक देश का झंडा तक अपनाने में उन्हें शर्म महसूस होती थी.

यूं भी एक सवाल लंबे समय से था कि भारत नाम भरत के नाम पर हुआ फिर भारत माता कैसे हो गई ? इन तस्वीरों को देखकर लगता है यही सही जवाब है. उसी तरह दुर्गा का यदि कहीं किसी प्राचीन शास्त्र आदि में वर्णन मिलता हो तो स्वीकारा जा सकता है कि दुर्गा का उद्भव ब्रिटानिया से नहीं हुआ लेकिन यदि कहीं कुछ ना लिखा गया हो तो शायद दुर्गा की धारणा भी इसी से उपजी हो. ब्रिटानिया की एक तस्वीर में वह भद्दे से दिखने वाले आदमी को मार रही है जो एक विरोधी शासक था. इसलिए यह संभावना कमजोर है लेकिन नकारी नहीं जा सकती.

ब्रिटानिया की एक तस्वीर में वह भद्दे से दिखने वाले आदमी को मार रही है जो एक विरोधी शासक था.

एक और भारत माता मिली हैं, सच कहें तो केवल नीचे लिखी जानकारी से ही यह स्वीकार किया जा सकता है कि यह भारत माता की काल्पनिक तस्वीर है, जो अबनीन्द्रनाथ ने बनाई है.

भारतमाता नाटक भी खेला गया था जो अंग्रेजी शासन का विरोधी ही था. लेकिन यह तस्वीर अंग्रेज़ी शासन को खुश नहीं कर सकती थी, जबकि ब्रिटानिया को भारत माता बनाने पर चमचों पर भरोसा जरूर बढ़ा होगा. Mother England को भारत माता और दुर्गा बनते देख मोगेम्बो जरूर खुश हुआ होगा.

  • जय प्रकाश

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