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भीषण गर्मी में एयर वॉशर न चलाए जाने के कारण बेलसोनिका में प्लांट के अंदर मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन

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भीषण गर्मी में एयर वॉशर न चलाए जाने के कारण बेलसोनिका में प्लांट के अंदर मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन
भीषण गर्मी में एयर वॉशर न चलाए जाने के कारण बेलसोनिका में प्लांट के अंदर मज़दूरों का विरोध प्रदर्शन

भीषण गर्मी में एयर वॉशर न चलाए जाने के कारण बेलसोनिका में प्लांट के अंदर मज़दूरों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगपत्र को अपने पीठ पर चिपकाकर काम किया. इस मांगपत्र पर लिखा था –

हम इंसान हैं जानवर नहीं, गर्मी हमें भी लगती है. 1 अप्रैल से कम्पनी बॉश के अनुसार एयर वॉशर चलाए जायें. एक मजदूर की नौकरी पर हमला, सब मजदूरों के नौकरी पर हमला, नौकरी पर हमला यानी पेट पर लात बर्दाश्त नहीं. एयर वॉशर चलाओ या शॉप फ्लोर पर प्रबंधन 8 घंटे मौजूद रहे. खुद के लिए एसी और हमारे लिए एयर वॉशर बंद, खून पसीने से सींचा और अब नौकरी से हटाने की धमकी कब तक बर्दाश्त करेंगे. प्रबंधन उकसावे पूर्ण कार्यवाहियां बन्द करें – बेलसोनिका यूनियन, आईएमटी मानेसर, गुरुग्राम

वर्कर्स युनिटी वेबसाइट के अनुसार अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के आईएमटी मानेसर स्थित मारुति सुज़ुकी की कंपोनेंट मेकर कंपनी बेलसोनिका प्रा. लि. में शुक्रवार की सुबह मज़दूरों ने प्लांट के अंदर ही प्रदर्शन किया. मज़दूरों ने अपनी पीठ पर एक पर्चा चिपका कर काम करने का फैसला किया, जिसमें एक अप्रैल से एयर वॉशर न चलाए जाने और घरेलू जांच बिठा कर छंटनी करने की कोशिशों की निंदा की.

दिन की पहली शिफ़्ट शुरू होते ही सारे मज़दूरों ने अपनी शर्ट पर इस पर्चे को टांक लिया था और लंच करने के लिए जाने से पहले इसे कंपनी के एमडी की मेज पर रख दिया. बेलसोनिका यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस बार इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है, जो पिछले सवा सौ सालों में भी नहीं पड़ी, लेकिन प्लांट में अभी तक एयर वॉशर नहीं चलाए गए. शॉप फ्लोर पर इतनी भीषण गर्मी में मज़दूर काम करने के लिए मजबूर हैं.

पर्चे में लिखा है कि कंपनी बॉस के ही निर्देश पर हर साल एक अप्रैल से ही एयर वॉशर चलाए जाते हैं, लेकिन इस बार अभी तक इसे नहीं चलाया गया है. हालांकि मज़दूरों का कहना है कि बीते तीन सालों से यही हाल है और इस दौरान कभी भी समय पर एयर वॉशर नहीं चलाए जा रहे.

मज़दूरों का आरोप है कि ये  बीते लॉकडाउन में जो मज़दूर कंपनी नहीं ज्वाइन कर पाए थे, उन्हें तरह तरह से प्रताड़ित कर उन्हें निकालने की साज़िश रची गई और उसके बाद कई मज़दूरों पर दस्तावेज चेकिंग के लिए जांच बिठा दी गई. यहां तक कि कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान ही नीम ट्रेनी और अप्रेंटिस की भर्ती की जा रही है और कैजुअल मज़दूरों को पड़े पैमाने पर निकाल दिया जाता है.

मज़दूरों का कहना है कि कंपनी में नौकरी से निकाल देने का एक डर कायम किया जा रहा है और मज़दूरों की एकजुटता तोड़ने के लिए नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है.

बेलसोनिका यूनियन के महासचिव अजीत सिंह ने कहा कि फैक्ट्री में मज़दूर अपना खून पसीना एक कर उत्पादन करता है और कंपनी को आगे ले जाता है लेकिन प्रबंधन की हर कोशिश इससे उलट होती है. इतनी भीषण गर्मी जब मैनेजमेंट की पूरी टीम एयरकंडीशन में बैठी है मज़दूर शॉप फ्लोर पर बिना बुनियादी एयर वॉशर के ही काम कर रहे हैं. ऐसे में दुर्घटना होने, सेहत बिगड़ने आदि की ख़तरा बरकरार है.

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