हिमांशु कुमार
आदिवासियों के गोत्र या टोटम होते हैं. अलग-अलग गोत्र का एक अवध्य पशु होता है. यानी उस टोटम के आदिवासी उस पशु को नहीं खाते. दंतेवाड़ा में जिस पारे में हमारा आश्रम था, वहां बोगामी गोत्र के लोग थे. उनका अवध्य पशु बकरा था तो बोगामी लोग बकरे का मांस नहीं खाते थे लेकिन पड़ोस के गांव के ओयामी लोग बकरा खा सकते हैं. लेकिन बकरा ना खाने वाले बोगामी आदिवासी, कभी बकरा खाने वाले ओयामी लोगों को ना तो खराब मानते हैं ना उनसे नफरत करते हैं, ना झगड़ा करते हैं.
इतनी छोटी-सी यह बात भारत के हिन्दुओं को क्यों समझ में नहीं आती ? भई आप गाय को पवित्र मानते हो तो आप मत खाओ, लेकिन आप दूसरे से यह जबरदस्ती कैसे कर सकते हो कि वह भी ना खाये ? दुनिया का हर व्यक्ति अपनी सोच से जीने के लिये आजाद है, आप अपनी धार्मिक मान्यता दूसरे के ऊपर कैसे लाद सकते हैं ?
मुसलमान सूअर नहीं खाते लेकिन वह कभी नहीं कहते कि हम दूसरों को भी नहीं खाने देंगे और अगर कोई खाएगा तो हम उससे झगड़ा करेंगे या उसे जेल में डलवा देंगे. लेकिन गाय खाने को लेकर यही नियम बनाया गया है कि कोई गाय काटेगा या खाएगा तो उसे जेल में डाल दिया जाएगा. हालांकि इससे गाय पालन घट रहा है, खेती बर्बाद हो रही है. सबसे ज्यादा नुकसान भारत में गोपालन का अगर हो रहा है, तो इसी नियम से हो रहा है !
लेकिन अपनी मूर्खता और ज़िद की वजह से हम गाय का भी नुकसान कर रहे हैं, खेती का भी नुकसान कर रहा है. अपने धर्म की भी हंसी उड़वा रहे हैं और खुद की कट्टरता की पोल खोल रहे हैं. भाजपा देश को एक जनसंहार की तरफ ले जा रही है लेकिन भाजपा के मूर्ख लोगों को यह नहीं पता कि उसका परिणाम क्या होगा. कोई भी बड़े पैमाने की हिंसा जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या की जाएगी. उसके बाद विदेशी शक्तियां भारत में मानवाधिकार हनन को रोकने को वजह बनाकर घुस जाएंगी.
साफ साफ कहता हूं भाजपा दंगे फसाद करेगी मुसलमानों को मारेगी और उसके बाद मानव अधिकार हनन को रोकने के लिए चीन भारत में घुस जाएगा. चीन घुसेगा और भारत के कई राज्य भारत से अलग हो जाएंगे. तमिलनाडु अलग हो जाएगा, नॉर्थ ईस्ट को भारत से चीन ही काट के अलग कर देगा मौके का फायदा उठाकर कश्मीर भी खुद को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा और चीन उसे मान्यता दे देगा.
उसी समय पाकिस्तान भी अपना पुराना बदला निकालेगा और चीन पाकिस्तान को सपोर्ट करेगा. लंबे समय तक भारत विदेशी सैन्य ताकत के आधीन हो सकता है..भाजपा के नेता दंगा फसाद करने वाले मोहल्ला लेवल के गुण्डे हैं. इन्हें राजनीति की कोई समझ नहीं है विदेश नीति का कुछ पता नहीं है. ना इन्हें इतिहास का कुछ पता है ना समाजशास्त्र का.
सीएए एनआरसी का कानून, कोरोना के समय में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाना, कश्मीर फाइल्स के बहाने देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़काना, भाजपा की सोची समझी राजनीति का प्रोजेक्ट है. यह देश भक्ति के नाम पर जो कर रहे हैं वह शुद्ध देशद्रोह है. यह राष्ट्रवाद नहीं राष्ट्र को तोड़ने की हरकतें हैं लेकिन इन मूर्खों को तो कोई समझा नहीं सकता.
भारत की जो जनता आज मुसलमानों से नफरत के नाम पर कूद रही है, वह माथे पर हाथ रख कर एक दिन रोएगी. मेरी बातें लिखकर रख लो. भारत एक ऐसा देश है जिसके पास भविष्य का कोई सपना नहीं है. जिस देश का अपना कुछ सपना नहीं होता, उसके पास करने को कोई काम नहीं होता. उसका कोई लक्ष्य ही नहीं होता जिसे पाने के लिए सब लोग मिलकर काम करते हैं. भारत एक राष्ट्र के रूप में पूरी तरह विफल हो चुका है.
यहां हर समुदाय दूसरे समुदाय से नफरत करता है. या तो वह नफरत जाति के आधार पर है या धर्म के आधार पर. हर समुदाय दूसरे समुदाय को बर्बाद होते देखना चाहता है. हर समुदाय दूसरे को अपने से नीचे बुरा और खराब समझता है. एक समुदाय के संवैधानिक अधिकारों या बराबरी पर या सम्मान पर सरकार हमला करती है तो दूसरे समुदाय बहुत खुश होते हैं और सरकार का समर्थन करते हैं.
इसी तरह सरकार बारी-बारी सब को दबा कर रखती है क्योंकि सरकार को पता है कि भारत की जनता में नागरिकता का भाव है ही नहीं. भारत के लोग खुद को भारत का नागरिक मानकर एक दूसरे से कोई रिश्ता जुड़ाव या प्यार महसूस ही नहीं करते, ना वह एक दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होते हैं लेकिन यह समस्या मुख्य रूप से ब्राह्मणों और सवर्ण हिंदुओं द्वारा पैदा की गई है.
मुसलमान लोग हिंदुओं से नफरत के आधार पर अपनी राजनीति नहीं चलाते लेकिन हिंदुत्व की राजनीति मुसलमानों ईसाइयों और बराबरी की मांग करने वाले कम्युनिस्टों से नफरत के आधार पर खड़ी की गई है. इसलिए अगर इस देश की बर्बादी की कोई वजह बनेगा तो वह हिंदुत्व और ब्राह्मणवाद बनेगा.
गांधी की हत्या से लगाकर आज तक की राजनीति का यही फसाना है. फर्जी इतिहास फर्जी कहानियां फर्जी डर उसके आधार पर नफरत फैलाना, इसे ही इन्होंने अपनी राजनीति का तौर तरीका बना लिया है. पूरी युवा पीढ़ी को बर्बाद कर दिया है. अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है.
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]