Home गेस्ट ब्लॉग सोनी-सोरी के 11 वर्ष कौन लौटायेगा ? उनका आत्मसम्मान कौन लौटायेगा ?

सोनी-सोरी के 11 वर्ष कौन लौटायेगा ? उनका आत्मसम्मान कौन लौटायेगा ?

7 second read
0
0
587
सोनी-सोरी के 11 वर्ष कौन लौटायेगा ? उनका आत्मसम्मान कौन लौटायेगा ?सोनी-सोरी

आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता और पेशे से शिक्षिका सोनी सोरी को एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने 11 साल बाद राजद्रोह के मामले से ‘बाइज्जत बरी’ कर दिया. वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ की भाजपा (रमण सिंह) की सरकार ने उन पर माओवादियों से कनेक्शन और फंड मुहैया कराने आरोप लगा कर ‘राजद्रोह’ का मामला पंजीबद्ध करवाया था, जिसके बाद वर्ष 2011 में सोनी सोरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंप दिया था.

जेल में सोनी सोरी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया. इंडिया टुडे और बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में सोनी सोरी ने बताया कि ‘उन्हें जेल में नंगा करके तत्कालीन एसपी अंकित गर्ग के कहने पर बिजली के झटके दिए गए.’ उन्होंने यह भी बताया है कि उन्हें अक्सर अपने सेल में नंगा बिठाया जाता था. डॉक्टरों ने उनकी योनी से पत्थर के छोटे टुकड़े निकालने और यौन प्रताड़ना की पुष्टि भी की थी.

स्वयं सोनी सोरी बताती है – जेल से आने के बाद भी उनका जीवन आसान नही रहा. राह चलते लोग उन्हें ताने देते थे और जेल में हुई यौन हिंसा का जिक्र करके उन्हें शर्मिंदा करते थे. 11 फरवरी, 2016 को जब सोनी-सोरी जगदलपुर से घर लौट रही थी तो कुछ अज्ञात लोगों ने उनके चेहरे पर ऐसिड अटैक कर दिया था. आज सोनी-सोरी जो सवाल पूछ रही है वो हम सब भारतीयों को एक साथ पूछना चाहिए – उनके जीवन के 11 वर्ष कौन लौटायेगा ? उनका आत्मसम्मान कौन लौटायेगा ? आप सोचिए.

क्या सोनी सोरी के संघर्ष और आदिवासी क्षेत्र में जल-जंगल-जमीन की कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ एक फ़िल्म नहीं बनना चाहिए ? आज कई आदिवासी झूठे मुकदमे में जेलों में बंद है, जिनके तरफ से आवाज उठाने वाला कोई नहीं है, जिनके पूरे परिवार तबाह हो गए, क्या इस विषय पर कोई फ़िल्म नही बनना चाहिए ? हिन्दू- मुस्लिम की राजनीति से ऊपर उठकर सोचियेगा जरूर.

वर्तमान में सोनी-सोरी छत्तीसगढ़ के आदिवासियों पर हो रहे क्रूर हमलों का विरोध कर आदिवासियों को न्याय दिलाने की दिशा में काम कर रही हैं. बस्तर में फर्जी मुठभेड़ों, आदिवासियों महिलाओं के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा बलात्कार समेत तमाम आदिवासी उत्पीडऩ के मुद्दों को सोनी-सोरी ने राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है, जिससे वह छत्तीसगढ़ पुलिस और प्रशासन के निशाने पर हैं. हम सोनी-सोरी को सलाम पेश करते हैं. उनके इस जुझारू संघर्ष से हम सबको प्रेरणा मिलती है.

  • नवनीत सिन्हा

Read Also –

इस देश के लोकतंत्र और न्यायतंत्र की परीक्षा

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

Donate on
Donate on
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay

 

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…