रूस-यूक्रेन जंग पर आज संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की इमरजेंसी बैठक की गई जिसमें यूक्रेन के प्रतिनिधि ने जम कर मगरमच्छी आंसू बहाये और अपनी मक्कारी का जमकर प्रदर्शन किया. इस बैठक में यूक्रेन ने रूस पर कई आरोप लगाए. यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि ‘रूस के झूठ को न सुनें, हमारे आंसू देखें, हमारा दर्द महसूस करें. हमें आपकी मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रूसी सेना कहर बरपा रही है.’ जबकि हकीकत बिल्कुल इसके उलट है.
वहीं, आज ही यूरोपियन यूनियन की एक बैठक में भी यूक्रेन के अमेरिकी टट्टू मक्कार, लंपट जेलेंस्की ने भी विडियो कॉम्फ्रेसिंग के माध्यम से ‘किसी गुप्त जगह’ से सम्बोधित किया और रुस के खिलाफ झूठे और अनर्गल राग अलापा. उसने कहा कि –
रुसी सेना ने यूक्रेन के फ्रीडम स्क्वायर, जो यूक्रेन की आजादी और शहीदों के सम्मान में बनाया गया था, को क्रूज मिसाइल के हमले से ध्वस्त कर दिया है.
जबकि सच्चाई इसके ठीक उलट है. यूक्रेन के इस फ्रीडम स्क्वायर पर रुसी सेना की ओर से कोई हमला ही नहीं किया गया है. बल्कि भारतीय मीडिया आज तक के एक प्रतिनिधि उसी जगह से लाईव टेलीकास्ट कर रहे थे और वहां साफ दीख रहा था कि वहां न तो कोई क्रूज मिसाइल गिरा है न ही कोई नुकसान हुआ है, अलबत्ता, यूक्रेन का ही एक क्रेन मिट्टी डालकर रास्ता बंद कर रहा था, ताकि मिसाइल हमले का हौवा खड़ा किया जा सके और रुस को बदनाम किया जा सके.
इसी तरह एक दूसरा मिथ्या प्रचार किया गया कि आज रुसी सेना ने एक भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि सच्चाई यही है कि उक्त भारतीय छात्र की हत्या यूक्रेनी सेना ने की है. इतना ही नहीं वहां से छात्रों द्वारा जारी विडियो संदेश यह बताते हैं कि यूक्रेनी सैनिक भारतीय छात्रों को पीट रहे हैं, यूक्रेन से बाहर जाने नहीं दे रहे हैं. यहां तक कि उन्हें भूखा-प्यासा रखा जा रहा है. इससे भी भयावह खबर यह है कि यूक्रेनी सेना ने तीन भारतीय छात्राओं का अपहरण कर कहीं ले गया है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उसका कुनबा बेहद ही क्रूर और धूर्त है. मक्कारी की सीमा तक निर्लज्ज है. वह लगातार झूठ और कुप्रचार कर रहा है. वह भारतीय छात्रों को रुस के खिलाफ ढ़ाल की तरह प्रयोग करना चाह रहा है. भारतीय छात्रों पर जुल्म ढ़ा रहा है, रुस के खिलाफ झूठा प्रोपेगैंडा फैला रहा है. जबकि यही रुस है जिसके यहां हजारों छात्र शरण लिये हुए हैं. अमेरिकी टट्टू इस मक्कार जेलेंस्की को अवश्य ही दंडित किया जाना चाहिए. यह मानवता पर कलंक है.