Home कविताएं वो डरते हैं कामरेड !

वो डरते हैं कामरेड !

0 second read
Comments Off on वो डरते हैं कामरेड !
0
340

वो डरते हैं कामरेड !
तमाम कायदे कानून तोड़ने से
आपके संघर्ष को जुवां पे लेने से
आपका त्याग संघर्ष वो बलिदान
नहीं है उन लोगों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण
वो भले ही अपने नारों में
तेभागा, तेलंगाना व नक्सलबाड़ी
लाल सलाम… लाल सलाम का नारा
अपने टोली में बड़ी ऊंची आवाज में लगाता हो
यहां तक कि अपने कामरेड की शहादत पर
लाल फरेरी तेरी कसम
खून का बदला खून से लेंगे
गगन भेदी नारे
हवा में मुठ्ठी ताने हुए
जरूर चिल्लाते हैं
लेकिन ये सबकुछ
वो उन दायरों में ही करना चाहते हैं
जहां तक संवैधानिक उन्हें छूट मिली हुई है

आप तो कामरेड
उन संवैधानिक दायरों को
शोषित-पीड़ित जन के लिए
तोड़ के कब ही आगे बढ़ चुके
इसलिए तो उन फरेब नारेबाजों से
उम्मीद करना बेईमानी ही होगी
कि आपके ऊपर जेल में हो रही
यातनाओं के पक्ष में
अपनी आवाज उठायेंगे
ये उम्मीद तो करना बेईमानी ही होगा
जो नक्सलबाडी के शहीदों के खून के साथ
समझौता किया

  • अंजनी विशु

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं
Comments are closed.

Check Also

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी…