गिरीश मालवीय
जम्मू कश्मीर का डीएसपी दविंदर सिंह याद है आपको ! 11 जनवरी 2020 में दविंदर सिंह, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद नावेद मुश्ताक उर्फ नावेद बाबू, इरफान शफी मीर और एक अन्य आतंकवादी को अपनी गाड़ी से शोपियां से जम्मू ला रहे थे. जब वो बीच रास्ते में डीआईजी के सामने रंगे हाथों पकड़ा गया तो वह उनके ऊपर जोर से चीखा कि, ‘सर, ये गेम है. गेम मत खराब करो.’
झल्लाए हुए डीआईजी ने आगा-पीछा भूलकर ब-वर्दी आतंकवादी के साथ बैठे अपने डिप्टी एसपी दविंदर सिंह के मुंह पर जोरदार थप्पड जड़ दिया. सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर वो गेम क्या था जिसके बारे में दविंदर सिंह बता रहा था ? दो दिन पहले बहुत बड़ी गिरफ्तारी हुई हैं, लेकिन हमारे टीवी चैनल हिजाब मुद्दे में इतने व्यस्त है कि वे जनता को बता ही नहीं रहे हैं कि यह मामला क्या है.
अब, सीनियर आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी को एनआईए ने गिरफ्तार किया है. कमाल की बात यह है कि नेगी स्वयं एनआईए में जब से सीनियर जांच अधिकारी रहे हैं – वह भी तब से जब से NIA बनी है – नेगी ने 26/11 के मुंबई हमलों के बाद एनआईए की स्थापनाकाल से एनआईए में 11 साल से अधिक समय बिताया हैं और एजेंसी द्वारा की गई हर प्रमुख जांच में वह शामिल रहे हैं.
देश को हिला कर रख देने वाले पुलवामा हमले की जांच करने वाले एनआइए के दल में भी वह शामिल था. वह कश्मीर में आतंकी-पुलिस-राजनीतिक गठजोड़ मामले की जांच में भी शामिल था (जी हां दविंदर सिंह वाले केस के जांच दल में भी वह शमिल था.)
2017 के जम्मू-कश्मीर में एजेंसी की बड़ी साजिश टेरर फंडिंग जांच के अलावा नेगी उस जांच दल का हिस्सा थे, जिसने एनजीओ-टेरर फंडिंग मामले के तहत अक्टूबर 2020 में मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज के आवास पर तलाशी ली थी.
अभी जो नेगी की गिरफ्तारी हुई हैं उसमें उन पर खुर्रम परवेज को संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया है. नेगी को आतंकी फंडिंग मामले की जांच में उल्लेखनीय योगदान के लिए उत्कृष्ट पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. नेगी ने अधिकांश समय जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों व टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों की जांच में बिताया है.
नेगी पर आरोप है कि अपने संगठन (एनआईए) को ही डबल क्रॉस करते हुए उन्होंने खुर्रम को लश्कर की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए थे. नेगी पर देशद्रोह समेत कई संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
इतना बड़ा सीनियर आईएएस अफसर गिरफ्तार हुआ है लेकिन मीडिया में इस घटना पर अजीब-सी चुप्पी है. वे शायद इसलिए ही चुप है कि अगर कहीं कड़ियां जुड़ना शुरु हो जाए तो दविंदर सिंह के ‘गेम’ का असली राज नहीं बाहर आ जाए.
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