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इंजीनियर का जोकर

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जोकर का इंजीनियर

एक बेराजगार इंजीनियर काफी दिनों से नौकरी तलाश रहा था, पर नौकरी उस लड़की की तरह व्यवहार कर रही थी जो क्लास के सभी लड़को को डेट कर चुकी थी लेकिन सिर्फ उसी से कतरा रही थी.

उसके साथ के सारे एमबीए, एमसीए जॉब पर लग चुके थे लेकिन उसे हर जगह से ठुकराया जा चुका था. मां बाप ने भी जेब खर्च देना बंद कर दिया था और गर्लफ्रेंड तो किसी और से शादी कर दो बच्चों की अम्मा बन चुकी थी.

ऐसी मुश्किल परिस्थिति में इंजीनियर ने तय किया कि अब जो भी काम मिले कर लूंगा. कम से कम दो वक़्त की रोटी तो नसीब होगी. तभी बिल्ली के भाग से छींका टूटा और उसे पता चला कि सर्कस में एक मैनेजर की जगह खाली है. इंजीनियर को लगा कि चाहे जो हो जाये इस नौकरी को हाथ से जाने न दूंगा.

उसने इंटरव्यू दिया तो देखा कि सर्कस में तो उसके जैसे इंजीनियर्स की लाइन लगी है, वो ये देख निराश हो गया. सर्कस का मालिक उसकी निराशा समझ गया. वो भला आदमी था. उसने इंजीनियर के कान में कहा कि एक नौकरी है, करना चाहो तो दो वक़्त के खाने और 30 हजार रूपये महीने पे दे सकता हूं.

इंजीनियर इस काम के लिए ख़ुशी ख़ुशी तैयार हो गया और एक वक़्त का भर पेट खाना खाने के बाद मालिक ने उसे अपने कमरे में बुलाया और बन्दर की ड्रेस देकर कहा – इसे पहन लो और किसी पेड़ की डाली में चढ़ कर बैठ जाओ. जब लोग आये तो उन्हें तरह तरह के करतब दिखाओ. अपनी हरकतों से उन्हें हंसाओ…’.

इंजीनियर ने चुपचाप बन्दर की ड्रेस पहन ली और पेड़ पर चढ़कर लोगों का मनोरंजन करने लगा.

बहुत से लोग आते, उसे देखते और खुश होते. कुछ उसे केला देते तो कुछ मूंगफलियां खिलाते. कुछ इतने कमीने होते कि उसे पत्थर मारते, चिढ़ाते.

एक दिन सर्कस देखने उसी के कॉलेज के जूनियर्स का ग्रुप आया था. वो उन्हें देख कर बहुत खुश हो गया और सोचा कि आज इनका खूब मनोरंजन करूंगा. लेकिन ये नए नवेले इंजीनियर्स बहुत कमीने थे. ये बन्दर को परेशान करने लगे.

कोई उसकी पूंछ खींचने लगा तो कोई पत्थर मारने लगा और इसी खींचतान में बन्दर शेर के बाड़े में गिर गया. बन्दर ने शेर को देखा और शेर ने बन्दर को. लोगों ने बाड़े के बाहर से दोनों को देखा.

बन्दर की ड्रेस गीली हो गयी और दर्शकों को पसीना छूटने लगा. बन्दर भगवान् से प्रार्थना करने लगा. उसे लगा कि उसका आखिरी समय आ गया है. शेर आराम से बन्दर के पास आया और उसे सूंघने लगा. दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए.

बन्दर ने डर के मारे आंखें बंद कर ली और हनुमान चालीसा का पाठ करने लगा. अचानक बन्दर के कानों में शेर की आवाज़ गूंजी – ‘अबे घबरा मत, मैं हूं तेरा सीनियर, 2016 बैच… civil ब्रांच…’.

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