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पंजाब नेशनल बैंक घोटालाः प्रधानमंत्री पद को कलंकित करते मोदी

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अंबानी-अदानी जैसे कॉरपोरेट घरानों के 8.55 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी को यकवयक लागू किया. मोदी के इस तुगलकी फरमान के बाद देश भर में डेढ़ सौ से अधिक लोग बैंकों की लाईन में लगकर मर गये. संभवतः तुगलक के राजधानी बदलने के फरमान से भी इतने लोग नहीं मरे होंगे, जितने लोग मोदी के नोटबंदी के फरमान से मर गये. परन्तु औद्योगिक घरानों और भाजपाइयों का फैलता पेट भरने के लिए यह नोटबंदी भी नाकाफी ही साबित हुआ. फलतः आनन-फानन में मनमोहन सरकार के 14% अधिकतम वाली जीएसटी बिल का विरोध करने वाले मोदी उसी बिल को 28% अधिकतम जीएसटी के साथ जबरन लागू कर दिया. परिणामस्वरूप नोटबंदी की मार से पहले ही परेशान व्यापारी बेहाल हो गये. कई व्यापारियों ने आत्महत्या तक कर लिया, परन्तु देश की अब तक की सर्वाधिक भ्रष्ट व निकम्मी सरकार के कान पर जूं तक न रेंगी. वह इन मौतों को शहादत बताती रही जबकि सीमा पर लड़ने और मरने वाले सेना के जवानों को भी वह शहीद नहीं मानती.

देश के आम आदमी की गाढ़ी कमाई को अपने भ्रष्ट नेताओं और अंबानी-अदानी जैसे कॉरपोरेट घरानों के खजाने में जमा करने के लिए किसी भी हद तक जाने वाली केन्द्र की मोदी सरकार निर्लज्जता की सर्वोच्च पराकाष्ठा को पार करते हुए अब एफडीआई जैसे काले कानून को लागू करने को उद्धत है, जिसमें बैंकों के दिवालिया हो जाने की सूरत में खाताधारकों के जमा पैसे जब्त कर लिए जायेंगे. उदाहरणतया पंजाब नेशनल बैंक के अभी तक हुए खुलासे के 14.5 हजार करोड़ रुपये की विशाल धनराशि की आपूर्ति खाताधारकों के खाते में जमा रकमों से किए जाने की संभावना को कानूनीजामा पहनाने की कोशिश का नाम द फाईनानशियल रिजोल्यूशन एंड डिपोजिट इन्श्योरेंस  (एफआरडीआई) बिल, 2017 है.

अब यह कोई छिपी हुई बात नहीं रह गई है कि एक-एक कर सारे बैंकों में देश की आम आदमी की जमा पूंजी पर खुलेआम डाके डाले जा रहे हैं और उसे अंबानी-अदानी जैसे लूटेरे दानवों को देकर देश से सम्मान विदेशों में स्थानांतरित कर दिया जा रहा है. पहले 9 हजार करोड़ रुपये लेने वाले माल्या को ससम्मान इंग्लैंड में पहुंचा दिये और अब 14.5 हजार करोड़ रुपये लेकर भागने वाले नीरव मोदी – जो अंबानी का दामाद है – को स्विट्जरलैंड पहुंचा आये. यह प्रधानमंत्री मोदी की प्रत्यक्ष सहमति और सहयोग के वगैर कभी भी संभव नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस प्रकार लगातार विदेशों में अपना आशियाना टिकाये रखे हैं, और देश के बैकों से देश के आम आदमी की कमाई को छीनकर औद्योगिक घरानों के खजानों को भर कर विदेश भेज रहे हैं, इस बात की गहरी संभावना है कि प्रधानमंत्री पद से हटने के साथ ही संभावित जांच आदि से बचने के लिए विदेश में अपना आशियाना बना चुके होंगे, जहां वे अपना सुखद भविष्य निर्वाहन करेंगे और देश की ठगी जनता बेवकूफ की तरह अपना सर पीटकर रह जायेगी.

देश आज बेहद ही संकटग्रस्त दौर से गुजर रहा है. सीमा पर सैनिक मारे जा रहे हैं, देश के अंदर दलितों को मारा जा रहा है, आदिवासियों को गोली से उड़ाया जा रहा है, मुसलमानों के नाम पर देश में भयावह माहौल पैदा किया जा रहा है, शिक्षा-स्वास्थ्य में लगातार बजट कटौती कर इसे तबाह किया जा रहा  है, युवाओं को रोजगार देने के नाम पर ‘पकौड़ा’ थमाया जा रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या को आम किया जा रहा है, जिसमें भाजपा नेता और खुद प्रधानमंत्री मोदी का नाम बड़े ही शिद्धत के साथ लिया जा रहा है. हजारों की तादाद में किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, परन्तु मोदी सरकार न केवल बेखौफ चली जा रही है, वरन् निर्लज्जतापूर्वक दीठ बनकर आक्रामकता का भी प्रदर्शन कर रही है.

वर्तमान भविष्य का निर्धारण करती है. वह दिन दूर नहीं जब वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी भी देश का लाखों करोड़ रुपए लूटकर माल्या और नीरव मोदी की ही तरह देश छोड़ कर भाग जाये. इससे पहले कि देर हो जाये और प्रधानमंत्री पद को कलंकित करते मोदी को पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में सह अभियुक्त बनाकर गिरफ्तार कर लिया जाये. प्रधानमंत्री मोदी को इस वृहद घोटाले की पूर्व जानकारी होने के बाद भी अंबानी के दामाद नीरव मोदी पर कोई कार्यवाही करना तो दूर साथ मिलकर दवोस में  तस्वीर खिंचाते हैं, जो नीरव मोदी के इस घोटाले में मोदी की संलिप्तता के संभावना का खुला दास्तान है, इससे कतई इंकार नहीं किया जा सकता.

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< बैंकों का बढ़ता घाटा और पूंजीवादी संकट/a> 

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