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हम-आप हिंदू-मुसलमान में उलझे हैं और देश का खजाना लुट रहा है

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हम-आप हिंदू-मुसलमान में उलझे हैं और देश का खजाना लुट रहा है

कृष्णकांत

गोदी मीडिया आपको यह सब बताएगा नहीं, इसलिए बताना जरूरी है. आप भी जानें और अपने दोस्तों, मित्रों, संबंधियों, गांव, शहरवासियों को भी बताएं कि बिना किसी बिघ्न के, धड़ल्ले से देश लुट रहा है. धर्म, संस्कृति, राष्ट्रवाद का संस्कारी लबादा ओढ़कर लूट का महायज्ञ चल रहा है. पिछले सात साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में कुल 5 लाख 35 हजार करोड़ रुपये के बैंक घोटाले हो चुके हैं. यह पैसा आपका था.

पिछले सात साल में कॉरपोरेट का 8 लाख 17 हजार करोड़ रुपये का कॉरपोरेट लोन बट्टे खाते में डाल दिया गया है. अंग्रेजी में इसे राइट ऑफ कहते हैं, लेकिन यह कभी वापस नहीं आता इसलिए हम इसे ‘कॉरपोरेट का माफ’ कहते हैं. यह पैसा आपका था.

पिछले सात साल में बैंकों के एनपीए में 21 लाख करोड़ का इजाफा हुआ है. एनपीए मतलब वह कर्ज जो अमीरों को दिया गया और वापस नहीं आ रहा है, यह पैसा आपका है.

देश में बहुत पैसा है. लाखों करोड़, लेकिन आम आदमी दिल्ली, बंबई, सूरत में फंस गया तो उसके लिए ट्रेन नहीं थी. बस नहीं थी. उसी दौरान प्रधानमंत्री ने अपने लिए 16,000 करोड़ के दो उड़नखटोले खरीदे. लॉकडाउन के पहले हफ्ते में 12 करोड़ लोगों का रोजगार छूट गया था, प्रधानमंत्री ने अपने लिए 12 करोड़ की कार खरीदी. एक साल में 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए. प्रधानमंत्री अपने लिए 20,000 करोड़ का हवामहल बनवा रहे हैं.

मध्यकाल में राजाओं की बर्बरता की कहानियां सुनने को मिलती हैं कि जनता के पास खाने को नहीं होता था और राजा के महल में जश्न चल रहा होता था. किला और मकबरा बन रहा होता था. उसी को चरितार्थ होते देखिए और अपने देश के बर्बादी का आनंद लीजिए.

अगर आप आम आदमी हैं तो लाइन में लगिए, कटोरा थामिए और पांच किलो राशन लीजिए. अगर आप नौकरीपेशा मिडिल क्लास हैं तो दिन हिंदू मुस्लिम वाले नफरत भरे मैसेज फारवर्ड कीजिए. अगर आप उद्योगपति हैं तो भारत के बैंक लूट लीजिए, ​गुजरात में रहिए या लंदन निकल जाइए.

देश के प्रधान की बड़ी अनोखी चौकीदारी है. चौकस निगरानी में देश के खजाने की लूट जारी है. आपको गर्व करते रहना है. देश मजबूत हाथों में है, लेकिन वह मजबूती किसके लिए है ? वह मजबूती ​है बैंक लूट ​के लिए, भ्रष्टाचार के लिए, कॉरपोरेट के लिए और सिर्फ उनके लिए जो इस लूट में भागीदार हैं.

मैं जानता हूं कि आप लोगों को ये सब बातें कम पसंद आती हैं, फिर भी मैं कहने की हिम्मत कर रहा हूं. लगातार जो बैंक लूटे जा रहे हैं, वह पैसा भले सीधे आपकी जेब से नहीं जा रहा है, लेकिन है वह आपका ही पैसा. आपसे वसूला गया टैक्स सरकारी खजाने में जाता है और वही पैसा बैंकों के जरिये कॉरपोरेट को लोन दिया जाता है. जितना धन कॉरपोरेट का लोन माफ करने और बैंक फ्रॉड करने में लुट रहा है, वह आपका पैसा है.

बैंकिंग के ​इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है. देश के 28 बैंकों का 22,842 करोड़ लूट लिया गया है. कंपनी का नाम है एबीजी शिपयार्ड. गुजराती कंपनी है. जहाज बनाती है. यह देश में जहाज बनाने वाली सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी है. यह भारतीय नौसेना के लिए भी जहाज बनाती है.

एबीजी शिपयार्ड पर 2014 में 11 हजार करोड़ का लोन था. इसकी रिकवरी करने की जगह इसे और लोन दिया गया. 2022 में यह बढ़कर लगभग 23 हजार करोड़ पहुंच गया. चौकीदार बनकर खजाने की रखवाली करने आये नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से लगातार एक एक कर बैंक डूब रहे हैं.

बैंकों के पैसे डूब रहे हैं. अर्थव्यवस्था डूब रही है. देश भविष्य का अंधकार में डूब रहा है. यह नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चौकसी से भी बड़ा घोटाला है. भारत अपने इतिहास के सबसे भ्रष्ट प्रशासन का सामना कर रहा है, जो किसी भी भ्रष्टाचार के आरोप की जांच नहीं कराता.

सीबीआई, ईडी, आयकर सब सरकारी पिंजड़े में हैं. प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट, लोकपाल कानून और आरटीआई जैसे कानूनों को संसद में बिल पास करके कमजोर कर दिया गया है. पारदर्शिता का हवाला देकर इलेक्टोरल बॉन्ड जैसी अंधी सुरंग बनाई गई है, जिसके अकूत संपत्ति पार की जा रही है.

जनता को यानी हम आपको हिंदू-मुसलमान का राष्ट्रीय सिलेबस पकड़ा दिया गया है. हम आप इसी में उलझे हैं और देश का खजाना लुट रहा है. इसका असर किस पर होगा ? आपके बच्चों पर. पिछले दो साल में लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं और करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया गया है. जनता लगातार गरीब हो रही है और दो पूंजीपति लगातार अमीर हो रहे हैं.

आप सोते रहिए या हिंदू-मुसलमान के बहाने गढ़ी गई नफरत और धार्मिक उन्माद में उलझे रहिए. जब तक जागेंगे, शायद देर हो जाएगी.

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