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क्या है यह ‘न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ व्यवस्था ?

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क्या है यह 'न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' व्यवस्था ?

देश के बुद्धिजीवी वर्ग जिस संभावना की ओर पिछले कई सालों से संकेत कर रहे थे, कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पीएमओ ट्विटर हैंडल से बकायदा उसकी घोषणा कर दी गई है, वह है – न्यू वर्ल्ड ऑर्डर की. यानी कोरोना के नाम पर चले कोहराम असल में  न्यू वर्ल्ड ऑर्डर की ही कवायद थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय के टि्वटर हैंडल से कहा गया है कि – कोरोना काल के बाद विश्व एक नए वर्ल्ड ऑर्डर नई व्यवस्थाओं की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये एक ऐसा टर्निंग प्वाइंट है कि हमें एक भारत के रूप में इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए: PM @narendramodi

इस न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के तहत कैसी व्यवस्था चलाई जायेगी, उसका भी खाका जनपक्षी विद्वानों और पत्रकारों ने बताया है, परन्तु यहां हम पीएमओ के इसी ट्वीट पर किये गये लोगों की प्रतिक्रिया को साझा करते हैं. मजहर खां लिखते हैं – असली बात सामने आ ही गई, कि आपका हर कदम न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के आदेश अनुसार ही चल रहा है. खुलकर बताएं कि न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के कर्ताधर्ता कौन हैं ??

कृष्ण शिवहरे लिखते हैं – न्यू वर्ल्ड आर्डर पर कभी कोई न्यूज चैनल पर कभी डिबेट क्यों नहीं होती. आखिरकार ये न्यू वर्ल्ड आर्डर क्या है ? कैसा होगा ये ? वहीं मेहुल देहिया सवाल उठाते हुए पूछते हैं – न्यू वर्ल्ड आर्डर क्या है यह हमें समझाईये। उसका सूत्रधार कौन है? न्यू वर्ल्ड आर्डर हमारी सनातन संस्कृति से मिलती है ? आप किसकी परमिशन से पुरे देश को न्यू वर्ल्ड आर्डर में धकेल रहे है ? Illuminati ?

एक अन्य यूजर लिखते हैं – ये मुंह से कह दिये हैं तो ताली बजाओ, पता नहीं किसका आदेश है ? और कोई सवाल ही नहीं पूछता कि न्यू वर्ल्ड आर्डर क्या बला है ? कौन इसके पीछे है ? कौन ये चाहते हैं ? इसकी ज़रुरत क्या है ?

‘प्रधानमंत्री महोदय ये न्यू वर्ल्ड आर्डर क्या बला है ? क्यों ज़रुरत है ? कौन लोग न्यू वर्ल्ड आर्डर चाहते हैं ? इसमें क्या होने वाला है ? ये सब सवाल भी हैं इसको भी समझा देते तो लोग उस तरह मानसिक रुप से तैयार हो जाएं !’

‘क्या है ए न्यू वर्ल्ड ऑर्डर ? और क्या संबंध है कोराना और न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का ? आप खुलकर जरा बताए ना न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को ?’

‘खाली स्टेडियम में बिना दर्शकों के क्रिकेट मैच आयोजन कराने का क्या तुक है ? इसके दो फायदे हैं एक तो प्रसारण अधिकार से करोड़ों रुपए आ ही जाएंगे दूसरा लोगों को यकीन आ ही जाएगा कि वास्तव में महामारी है.’

‘सदन में बोले जाने वाले एक एक शब्द record किए जाते हैं. विस्तार से सभी विषयों पर चर्चा होती है, तो इस New World Order को विस्तृत रूप से क्यों नहीं बताया जा रहा है ?

‘तो क्या यह माना जाए की New World Order हमारी सम्प्रभुता पर ख़तरा है ?’

‘मतलब अब क्या कफ़न और दफन को भी एक उभरता व्यापार समझ रहे है और उसे भी अडानी अम्बानी को सौंपने को सोच रहे हैं ?’

‘मोदीजी आप इस नई विश्व व्यवस्था यानी New World Order का ज़िक्र संसद से लेकर सड़क तक कई बार कर चुके हो. कभी देश के लोगों को भी अपने अकाओं का ये प्लान समझा दो. कभी कोई हिंट ही दे दो कि new world order कैसा होने वाला है ?’

इतने सारे सवालों के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ट्विटर से कोई जवाब नहीं आया तब एक युजर ने साफ कह दिया कि मोदी जी आप पर विश्वास करना बहुत बड़ा धोखा है आप पता नहीं कहां से पकड़ कर फेंक दो इसीलिए तो आपका नाम रखा है फेकू.

न्यू वर्ल्ड ऑर्डर कैसा होगा ?

न्यू वर्ल्ड ऑर्डर कैसा होगा ? इस पर कुछ यूजर ने प्रकाश डाला है, वह इस प्रकार है –

‘वैक्सीन लगा के 70% लोगों को मरवाना ये भी नए वर्ल्ड आर्डर के प्लान का हिस्सा है. क्या ये काम भारत में पूरा हो गया है ?’

‘एक विश्व एक सरकार. सब भेड़ बकरिया बन जाएंगे.’

इस न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का स्वरूप कैसा होगा इसकी एक झलक इस आखिरी ट्वीट में एक यूजर ने किया है, उसके आलोक में इसे जानना जरूरी है –

संयुक्त राष्ट्र के एजेंडा – 2021-30 के तहत वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम द्वारा जारी –

  • एक विश्व सरकार
  • एक वैश्विक नियंत्रित कैशलेस मुद्रा
  • एक वैश्विक केंद्रीय बैंक
  • एक वैश्विक सेना
  • राष्ट्रीय संप्रभुता का अंत
  • सभी निजी स्वामित्व वाली संपत्ति समाप्त करें (कुछ कुलीन वर्ग को छोड़कर)
  • परिवार इकाई का अंत
  • जनसंख्या वृद्धि,
  • जनसंख्या वृद्धि और घनत्व का नियंत्रण
  • अंतहीन अनिवार्य टीके – यूनिवर्सल बेसिक इनकम (तपस्या)
  • माइक्रोचिप समाज (व्यापार, यात्रा, ट्रैकिंग और नियंत्रण के लिए)
  • एक विश्व सामाजिक ऋण प्रणाली का कार्यान्वयन
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स, सब कुछ 5G मॉनिटरिंग से जुड़ा हुआ है
  • सरकार ने बच्चों की परवरिश की
  • सरकारी स्वामित्व वाले और नियंत्रित स्कूल (शिक्षा)
  • निजी परिवहन समाप्त करें (कोई और कार आदि का मालिक नहीं है ..)
  • सरकार/निगमों के स्वामित्व वाले सभी व्यवसाय
  • गैर-जरूरी हवाई यात्रा पर प्रतिबंध
  • सेटलमेंट जोन (केवल शहरों में इंसानों की सघनता)
  • निजी खेतों के पशुधन और सिंचाई का अंत
  • प्रतिबंधित भूमि उपयोग,
  • एकल परिवार गृहणियों का अंत
  • प्राकृतिक गैर सिंथेटिक ड्रग और दवाओं पर प्रतिबंध

तो यही है भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्राथमिकता के स्तर पर पेश अमेरिका की गुलामी के रास्ते पर बढ़ता न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का पथ, जिसका भविष्य एक गुलाम देश का बनना है. इस ब्लॉग का अंत हम एक यूजर के इस ट्वीट से करना चाहेगा जो लिखते है – ‘क्या ये किसी संप्रभु स्वतंत्र देश के प्रधानमंत्री के शब्द हो सकते हैं??

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