Home गेस्ट ब्लॉग नौजवानों को नकारा साबित करने के लिए संघी फैलाता है फेक न्यूज

नौजवानों को नकारा साबित करने के लिए संघी फैलाता है फेक न्यूज

19 second read
0
0
205

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले ऋतुराज ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन Google (गूगल) में सिक्योरिटी बग खोजा तो इसको लेकर गूगल ने गंभीरता दिखाई. अब इसको लेकर कई फेक न्यूज काफी तेजी से वायरल होने लगी. फेक न्यूज में दावा किया गया कि ऋतुराज ने गूगल को ही हैक कर लिया. सोशल मीडिया पर लोगों ने बिना सोच-समझे इस फेक न्यूज को शेयर करना शुरू कर दिया. इस फेक न्यूज में ऐसे-ऐसे दावे कर दिए जिसे सुनने मात्र से आपकी हंसी छूट जाएगी. इसमें दावा किया गया ऋतुराज ने गूगल को हैक कर लिया जिसके बाद कंपनी उसे 3.66 करोड़ रुपये की नौकरी दे दी.

पिछले दो दिनों से कई लोगों की वाल पर कॉपी पेस्ट वाली पोस्ट और खबरों के लिंक भी पढ़ चुका हूं, कई लोग बिना सोछे-विचारे और क्रॉस चेक किये बिना ही आंख मूंदकर पोस्ट को कॉपी पेस्ट करते चले गये. आज मेरे घर मे भी इसी पर चर्चा हुई और वो लोग भी इस फेंक न्यूज के सडयंत्र मे फंस चुके थे तो फिर मजबूर हुआ लिखने को.

कैसे बनती है फेक न्यूज और दिमाग को कैसे घुमा दिया जाता है, आइये इस घटना को समझा जाय. वायरल मैसेज इस प्रकार था –

बिहार के इस लड़के ऋतुराज चौधरी ने परसों रात को 1:05:09 पर गुगल को हिला दिया. इसने 51 सेंकड तक गुगल को ही हैक कर दिया. हैक होते ही पुरी दुनियां में बेठे गुगल के अधिकारीयों के हाथ पांव फुल गये. अमेरीका के आफिस में अफरा तफरी मच गई. वो कुछ समझ पाते 51 सेकंड में ऋतुराज ने पुनः गुगल को फ्री कर सेवाऐ बहाल कर दी और गुगल को मेल किया कि आपकी इस गलती की वजह से मैं इसे हैक कर सका.

यह मेल कर ऋतुराज तो सो गया क्योंकि हमारे यहां रात थी मगर मेल पढ़ अमेरीका चैन से नही बेठ सका. मेल में दी गई सारी डिटेल को फालो कर वहां के अधिकारीयों ने भी गुगल को 1 सेकंड के लिऐ हेक कर देखा और उनको गलती का एहसास हुआ. आनन फानन में अमेरीका में 12 घंटे मीटिंगे चली और लास्ट डिसीजन हुआ कि उस लड़के को बुलाओ. दिन के ठीक 2 बजे ऋतुराज के पास मेल आया कि हम आपकी काबिलियत को सेल्युट करते हैं. आप हमारे साथ काम कीजिए हमारे अधिकारी आपको लेने आ रहे हैं. तुरंत दुसरे मेल में गुगल ने ऋतुराज को जोइनिंग लेटर दे दिया, उसमें 3.66 करोड़ का पेकेज दिया.

ऋतुराज के पास पासपोर्ट नहीं था. गुगल ने भारत सरकार से बात की और सिर्फ 2 घंटे में उसका पासपोर्ट बन कर घर आ गया. ऋतुराज आज प्राइवेट जेट से अमेरिका जाऐगा. ऋतुराज बेगुसराय में बीटेक सेकंडयर का स्टुडेंट है और बेगुसराय के पास ही छोटे गांव मुंगेरगंज का निवासी है.

खबर बस इतनी-सी है बस.

लल्लन टाप ने ऋतुराज से उनके बारे में सोशल मीडिया पर चल रहे कई दावों के बारे में एक संवाद में इस घटना की जानकारी ली. बकौल लल्लन टाप के अनुसार-

सवाल- क्या आपको गूगल से कोई नौकरी मिली है, जिसका पैकेज 3.36 करोड़ सालाना है ?

ऋतुराज- ये सही नहीं है. मुझे गूगल की तरफ से कोई नौकरी नहीं मिली है.

सवाल- क्या आपने गूगल हैक कर लिया था ?

ऋतुराज- नहीं. मैंने गूगल हैक नहीं किया था. मैंने बस गूगल का एक बग निकाला था, जिसे गूगल ने भी माना है. बग निकालने और हैक करने में फर्क होता है.

सवाल- आपके बारे में दावा किया जा रहा है कि आपको अमेरिका बुलाया जा रहा है और रातों-रात भारत सरकार ने आपका पासपोर्ट भी बना दिया है, क्या ये सच है ?

ऋतुराज- नहीं. ये भी झूठ है. मेरा पासपोर्ट तो अभी तक बना भी नहीं है.

सवाल- क्या आपको गूगल ने उनकी गलती निकालने के लिए कुछ इनाम दिया है ?

ऋतुराज- फिलहाल नहीं. गूगल ने अभी मुझे उस गलती निकालने के लिए मेंशन किया हुआ है मेरे नाम के साथ. गूगल में बग निकालने के कई मरहले (Stages) होते हैं. उसके हिसाब से ही गूगल इनाम देता है. अभी मेरा बग P-2 स्टेज में है. बग P-0 से P-5 स्टेज में रहते हैं.

सवाल- आगे क्या करना चाहते हैं ?

ऋतुराज- मैं साइबर सिक्योरिटी या एथिकल हैकिंग के फील्ड में ही जाना चाहता हूं. अभी फिलहाल मणिपुर ट्रिपल आई टी से बी टेक कर रहा हूं. मेरा सपना है कि मैं इजरायल या जर्मनी में जाकर आगे और इस फील्ड में पढ़ाई करूं.

तो ये थी पूरी कहानी. चलिए इस इंटरब्यू को भी फेक मान लेते हैं और इस घटना को तथ्यातमक तरीके से विश्लेसण करते हैं.

हमारे देश में लगभग 90% व्हाट्सएप्प खबरों में हींग, लहसून और प्याज़ का मस्त तड़का लगा दिया जाता है ताकि, मैसेज फॉरवर्ड करें आप. बिहार के गर्व और भारत में लड़के के नाम पर आपको घुमा दिया गया. 2 घंटे में पासपोर्ट, 1 सेकंड के लिए गूगल रूक गया, 12 घण्टे अधिकारी लगे रहे. प्राइवेट जेट भेजा. ये सब शुद्ध तड़का है, एक दम तामसिक प्याज़ लहसन और हींग का. ऐसे ही मैसेज को वायरल करवाने के लिए आपकी भावनाओं से खेलकर आपको भावनात्मक तड़का लगाकर भावनात्मक रूप से आपको घुमा दिया जाता है.

गूगल अपने सर्च इंजन में कमी खोजने का अधिकार आम आदमी को भी देता है ताकि वह उसे दूर कर सके. ऋतुराज नाम के लड़के ने कई दिन पहले एक बग खोजा था गूगल सर्च इंजन में, इसकी ख़बर गूगल को मेल से दे दी. गूगल ने उस बग को अपनी रिसर्च लिस्ट में शामिल कर लिया है, बस इतनी ही सत्यता है इस वायरल खबर की.

गूगल ने न तो कोई इनाम अभी दिया है, न ही सल्यूट किया है और न ही 3.66 करोड़ का पैकेज देते हुए 2 घण्टे में पासपोर्ट बनवा के अपने प्राइवेट जेट या चार्टेड प्लेन से उसे अपने ऑफिस बुलाया है. न लड़के ने गूगल को हैक ही किया था. सब झूठ है.

टेक्निकल भाषा में हैक और बग में बहुत बड़ा अंतर होता है. हैक का अर्थ किसी प्लेटफार्म पर कुछ समय के लिए कब्जा कर अपने अनुरूप कार्य करवाना होता है तथा बग का अर्थ किसी प्लेटफार्म में उस एरर (गलती) को ढूंढना जिसके कारण प्लेटफार्म हैक हो सकता है. गूगल स्वयं दुनियाभर के हैकर को ऑफर देता है कि वे गूगल में बग ढूंढकर उन्हें बताए ताकि वे सुधार कर सके. उसके अनुसार वह उन्हें पुरुस्कृत भी करता है. टेक्निकल शब्दावली में बग P-0 से P-5 (प्राइऑरिटी-0 से प्राइऑरिटी- 5) स्टेज में रहते है. ऋतुराज ने P-2 स्टेज का बग ढूंढा है. उसी के अनुरूप गूगल उन्हें पुरुस्कृत कर सकता है.

ऋतुराज ने गूगल में एक बग ढूंढा है जो प्राइऑरिटी 2 में है और गूगल ने इस बात को ऐक्सेप्ट भी किया है और कहा है कि इस गलती ठीक किया जाएगा. इसका हैकर्स गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं और इंटरनेट में यही होता है. कम्पनियां अमूमन ऐसा करती हैं कि वे ‘वाइट हेट हैकर’ को हायर करती हैं और उनसे बग यानी गलतियां निकलवाने का काम लेती हैं. इसके बदले उन्हें मोटी रकम के अलावा अलग से रिवॉर्ड्स भी दिए जाते हैं. कई कंपनियां अपने ऐप या वेबसाइट में बग खोजने वाले को इनाम देती है. इसके लिए कंपनियां का बग बाउंटी प्रोग्राम होता है.

जिस बग को लड़के ने खोजा है उसे गूगल ने P-2 रिसर्च में शामिल किया है. यह बग सही है इसके लिए अभी और लेबल पार करना होगा तब जाके कहीं ईनाम की बात आएगी, नौकरी तो बहुत ही दूर की बात है. गूगल के लिए यह एक साधारण घटना है, इसमें कोई बड़ी बात नही है. हम इसको विकिपीडिया का उदाहरण लेकर समझ सकते हैं. विकिपीडिया आम लोगों को अधिकार देता है कि उसकी दी सूचना में यदि कोई गलती हो तो उसे सुधार कर सकते हैं, पर विकिपीडिया इसका किसी भी तरह का कोई प्रोत्साहन राशि नही देता है.

किसी पोस्ट को आंख मूंदकर कॉपी/पेस्ट करने की बजाए क्रॉस चेक कर लिया करें. गूगल मात्र एक कंपनी है और और यदि मान लें आपको 30 करोड़ के पैकेज का आफर गूगल ने दिया तो क्या भारत सरकार ऐसे ही 2 घंटे में ही पासपोर्ट, बीजा बना के दे देगी ? और आपके आफर स्वीकार करते ही कंपनी तुरंत अपना प्राइवेट जेट या चार्टेड प्लेन भेज देगी ? थोड़ा अपना दिमाग भी लगा लिया करें कि भारत सरकार किसी कम्पनी के कहने पर कभी 2 घण्टे में पासपोर्ट, बीजा तैयार नहीं करती.

भाजपा आइटी सेल ने एक फेक स्टोरी बनाई. भारत के बेरोजगारों के लिए यह कहानी गढी गयी है. स्टोरी बनाने वाले ये संदेश देना चाहते हैं कि देखो, आप में टेलेंट है तो नौकरी आसानी से मिल जाती है, कमी आपमें ही है (उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अजय सिंह बिष्ट इसकी बकायदा घोषणा भी कर दिया है). जबकि ये नौजवान अपनी कमी के कारण बेरोजगार नहीं है, इस पूंजीवादी ब्यवस्था के कारण बेरोजगार हैं.

रोजगार पाना सभी नौजवानों का जन्मसिद्ध अधिकार है. हर हाथ को काम मिलना ही चाहिए. पर इस ब्यवस्था में सबको रोजगार दे पाना भाजपा क्या किसी भी पार्टी की सरकार के बस में नहीं है. सरकार अपनी नाकामी को छूपाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाती है. यह फेक स्टोरी उसी में से एक हथकंडा है ताकि भारत के बेरोजगार नौजवान बेरोजगारी के लिए खुद को कोसें और बिहार जैसा आंदोलन ना हो.

विदेशी कंपनियों में करोड़ों का पैकेज पाने वाले भारत में कई लोग हैं और दो-चार-छ लोगों को इस तरह के करोड़ों के पैकेज मिल जाने से भारत की बेरोजगारी की समस्या हल नहीं हो सकती है. हो सकता है कि हर व्यक्ति सुंदर पिचाई या पराग अग्रवाल जितना टेलेंटेड ना हो तो क्या उसके कारण उसे नौकरी पाने का अधिकार नहीं होगा ? यदि मैं गदहा हुं तो मुझे गदहवा वाला रोजगार दो.

अब इस व्यवस्था में इनके पास गूगल वाला रोजगार तो छोड़ दीजिए, इनके पास गदहे वाला भी रोजगार नहीं है. जब तक हर हाथ को काम न मिले तब तक ये ब्यवस्था और उसकी ये बैसाखी वाली सरकार निकम्मी है. इस देश के लोग निकम्मे नहीं हैं इसलिए खुद को कोसने के बजाये अपने हक के लिए आवाज उठाएं.

  • अजय असुर

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…