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उत्तर प्रदेश और पंजाब चुनाव पर एक आंकलन

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Saumitra Rayसौमित्र राय

प्रधानमंत्री पगला गए हैं. हेलिपैड पर शून्य में हाथ हिलाने और सायकल पर बम की झूठी बात कहने के बाद उन्होंने हरदोई में यह भी बक डाला कि 2017 से पहले अखिलेश सरकार ने उन्हें काम नहीं करने दिया. 2017 के बाद का काम उन्होंने नहीं बताया. कैसे बताते ? अखिलेश सरकार के 80% काम को योगी बाबा अपने नाम से चढ़ाकर उद्घाटन करते गए. एक हारती हुई पार्टी के प्रधानमंत्री से आगे से ऐसे कई झूठ की उम्मीद ही रखिये.

छुट्टा मवेशियों का मुद्दा यूपी की दर्जन भर सीटों पर बीजेपी के पसीने ला रहा है..पूरा बुंदेलखंड गुस्साया हुआ है. उन्नाव में मोदीजी कह रहे हैं 10 मार्च के बाद इंतज़ाम होगा, फिर योगीजी ने 5 साल में क्या किया ? सब भूल जाओ. अब इंतज़ाम भी कैसा ? गोबर इकॉनमी का. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने इसी के नाम पर हजारों गायों का कत्ल कर दिया. जब इंसान के पास ही खाने को न हो तो पशुओं को क्या खिलायेगा ? और जब पशु खाएंगे नहीं तो दूध और गोबर भी कैसे निकलेगा ? 12वीं के बाद इंटर में दाखिला लेने वाले जवाब कहां से देंगे ?

मेरी नज़र सपा स्पष्ट नहीं, दो-तिहाई बहुमत पर है, जो तकरीबन चौथे चरण में दिख जाएगी. आज तीसरे चरण के फीडबैक इस प्रकार हैं –

  1. ब्राह्मण, ठाकुरों के वोट कम पड़े, लेकिन ओबीसी, दलित एकमुश्त निकलकर आए.
  2. सपा अब 40% के वोट शेयर को छूती नज़र आ रही है, जो सत्ता परिवर्तन के लिए ज़रूरी है. इसकी वजह है बसपा का सीन से गायब होना. तकरीबन 20 में से बसपा के 10% वोट सपा को शिफ्ट हुए हैं.
  3. आज पीएम की भाषा, बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि बीजेपी के मुद्दे और सोशल इंजीनियरिंग धूल में जा मिली है.
  4. 2017 में 59 में से 49 सीट जीतने वाली बीजेपी के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगी है. वोट शिफ्ट हुए हैं, जिसकी उम्मीद मैंने पहले भी जताई थी.
  5. एटा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया में बीजेपी के वोटों में सेंध नतीजों में दिखेगी. एटा में 4, मैनपुरी 3, कासगंज 3 और फिरोजाबाद में 3 से 4 सीट पर सपा जीतने की स्थिति में है. हाथरस में भी 3 सीटों पर बीजेपी की हालत पतली है. फर्रुखाबाद में नॉन यादव, मुस्लिम वोट बैंक सपा को शिफ्ट हुआ है. कासगंज में ओबीसी+यादव+दलित वोट शिफ्ट होकर सपा को मिल रहे हैं.
  6. करहल में सपा तो महाराजपुर में बीजेपी अच्छी स्थिति में है. कानपुर में सपा 5 सीटें निकाल ले तो हैरानी की बात नहीं.
  7. बुंदेलखंड की 19 में से सभी सीटों पर काबिज़ बीजेपी को हमीरपुर, ललितपुर, बांदा, झांसी, जालौन में बड़ा नुकसान हो रहा है. पानी, पलायन, रोज़गार और आवारा पशु के स्थानीय मुद्दों ने योगी सरकार की हवा निकाल दी है, जिससे बीजेपी को 12 से ज़्यादा सीटों का नुकसान दिख रहा है.
  8. इस तीसरे चरण में अखिलेश यादव ने खुद को यूपी के अगले सीएम के रूप में स्थापित कर दिया है, इसलिए आगे भी मोदी और योगी- दोनों के निशाने पर वही होंगे.
  9. महिला सुरक्षा का मुद्दा अब बड़ा होने लगा है और कांग्रेस को कुछ सीटें दिला सकता है.
  10. आखिर में- मुझे 59 सीटों में सपा को 40-45 सीटों में जीत की उम्मीद है.

पंजाब को लेकर चुनाव कवर कर रहे मित्रों के फीडबैक कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं हैं. पंजाब एक खंडित जनादेश देता दिख रहा है. आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को मालवा में कड़ी टक्कर दी है. जट, सिख और अगड़े हिंदुओं ने बीजेपी के बजाय आप पर भरोसा जताया है. मालवा में आप को 38-40% वोट शेयर और कांग्रेस को 35-37% वोट शेयर मिलते नज़र आ रहे हैं. 2017 में कांग्रेस ने 48% वोट हासिल किए थे.

कम वोटिंग से आप को शहरी इलाकों-जैसे अमृतसर में नुकसान हो रहा है. उधर, चन्नी फैक्टर के चलते 60% से ज़्यादा दलित वोट कांग्रेस के हिस्से जाते दिख रहे हैं. लेकिन माझा और दोआबा को देखें तो वहां दलित वोट और जातीय समीकरण बिल्कुल उलट हैं. इससे कांग्रेस को बड़ा फायदा मिल रहा है.

कांग्रेस मालवा में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई तो करती दिख रही है, लेकिन स्पष्ट बहुमत से पीछे है, क्योंकि कई सीटों पर बीजेपी ने आखिरी क्षणों में कड़ी टक्कर दी है. फाजिल्का, होशियारपुर, मुकेरियां, जालंधर सेंट्रल में बीजेपी ने स्थिति काफी सुधारी है, लेकिन सुजानपुर और अबोहर में कांग्रेस जीतने की स्थिति में है.

माझा में कांग्रेस ने 25 में से 22 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार 6 से ज़्यादा सीटों का नुकसान दिख रहा है. इसी तरह दोआबा की 23 में से 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को इस बार 5 सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है. आखिर में मालवा- जहां की 67 में से 40 सीटें जीतकर कांग्रेस ने सत्ता पाई थी, वहां वह इस बार अगर 25-27 सीटों पर सिकुड़ आये तो हैरत नहीं होगी. किसानों का संयुक्त समाज मोर्चा 2 सीटों पर टक्कर में है.

पंजाब की 117 सीटों में आप 52-54 सीटों पर परचम लहराकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, लेकिन उसे सरकार बनाने के लिए बीजेपी की मदद लेनी होगी, जो 10 सीटों पर जीतती दिख रही है. कांग्रेस के लिए भी अधिकतम 50 सीटों के साथ सरकार बनाना मुश्किल होगा. खासकर तब, जबकि अकालियों के पास बहुमत के लायक 9 सीटें न हों. बीजेपी का यहां मतलब कैप्टन अमरिंदर से भी है. पंजाब का यह आज का अनुमान है. उम्मीद करें, कल सीट-दर-सीट अनुमान में कांग्रेस बहुमत की ओर दिखे.

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