Home कविताएं कविता की भाषा में किसान आंदोलन !

कविता की भाषा में किसान आंदोलन !

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हम पर न दया करो, न तरस खाओ
हमारा हक़ छीना जा रहा है, हमारे साथ आओ!

खाद-बीज-बिजली-डीज़ल-कीटनाशक सब पर
जिनका अधिकार है,
किसान की मेहनत के लुटेरे हैं वे,
इन मुनाफाखोरों का किसान शिकार है!

सबको अपनी उत्पादन-लागत-मेहनत के अनुसार
मुनाफ़ा तय करने का अधिकार है,
ये कौन सी नीति है,
किसान की लागत, कीमत, मुनाफ़ा पर
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के अधिकार है ?

जब किसान को मिलेगी सुनिश्चित आय
कर्जा-मुक्त होंगे जब सभी किसान
फसल का मिलेगा पूरा दाम जब
देश में होगा किसान का तब असली सम्मान!

विकास का सारा मतलब
उलटा समझाया गया है
चंद लोगों के विकास को
किसानों का,
जनता का विकास बताया गया है

ऐसा कब तक और क्यूं चलेगा ?
किसी का एंटिला देखकर
बेरोजगार नौजवान कब तक बहलेगा ??

  • (सोशल मीडिया पर वायरल कविता)

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ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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