तस्वीर में दिये गये इन दोनों चेहरों को देखिये. कुछ याद आया ? आप कुछ और समझे, इससे पहले बता दूं कि यह दोनों ही चोर है. पहला चेहरा देश के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान चोर नरेन्द्र मोदी का है, जो गरीबों के घरों में डाका डालकर अपने अमीर मालिकों का पेट भरता है. वह इसके लिए 18-18 घंटा काम करता है और फिर जो समय बचता है उसमें वह अपने अमीर मालिकों की सलामी में व्यतीत करता है.
इस चोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने अमीर मालिकों का झोला भरने के लिए देश में भ्रष्टों, बईमानों, बदमाशों, गुण्डों, बलात्कारियों, तस्करों और कॉरपोरेट घरानों का एक विशाल गिरोह खड़ा कर लिया है, इसके साथ ही वह प्रधानमंत्री पद का नाजायज फायदा उठाते हुए देश के तमाम संवैधानिक पदों (न्यायपालिका समेत) पर अपने गिरोहों को बिठाल दिया है, ताकि इस डाकेजनी में उसे किसी प्रकार का खतरा नहीं हो. और जो कोई डाकेजनी का विरोध करे तो उसे खत्म करने के लिए पुलिसिया गिरोह कर इस्तेमाल कर सके.
दूसरी तस्वीर इरफान नामक एक चोर का है, जिसके गिरोह में महज 11 सदस्य हैं, जो देश के महानगरों में घुम घुमकर अमीरों के घरों में डाका डालता है. यह चोर इरफान अमीरों के घरों में डाले गये डाकेजनी से प्राप्त धन का इस्तेमाल गरीबों और जरुरतमंदों की सेवा में करता है. गरीबों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, बेटियों की शादी वगैरह में खर्च करता है.
जैसा कि कहा जाता है कि एक गिरोह दूसरे किसी गिरोहों को बर्दाश्त नहीं करता. इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री पद पर विराजमान नरेन्द्र मोदी ने अपने गिरोह से अलग किसी और गिरोहों को लगातार खत्म करने का प्रयास कर रहा है. परन्तु, यहां तो एक ऐसा गिरोह है जो नरेन्द्र मोदी के अमीर मालिकों और उसके कारिंदों को ही लूटकर गरीबों की झोली भर रहा है. नरेन्द्र मोदी भला इसे कैसे बर्दाश्त कर सकता था, इसलिए उसने भोगी आदित्यनाथ के ‘रामराज्य’ वाली पुलिस महकमा, न्यायपालिका समेत तमाम जांच एजेंसियों को लगा दिया है.
इसी कड़ी में अमीरों के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गिरोह ने पुलिस महकमा का इस्तेमाल कर इरफान नामक एक ‘चोर’ को गिरफ्तार कर लिया है. आप इरफान को नहीं जानते हैं तो आपको जान लेना चाहिए. इरफान बिहार के सीतामढ़ी जिला का रहने वाले हैं, जिसकी पत्नी इन दिनों जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही है और चुनाव जीत भी गई है.
खबर के अनुसार इस ‘चोर’ इरफान ने गरीबों के घर डाका डालने वाले चोरों के घरों में चोरी करके उस पैंसों से सीतामढ़ी में अपने गांव के साथ-साथ सात गांवों में करीब डेढ़ करोड़ रूपये खर्च कर पक्की सड़कें बनावा कर प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर कालिख पोत दी.
खबरों के अनुसार ‘चोर’ इरफान ने अपने चोरी के उन पैसों का इस्तेमाल कर गांवों के गरीब लोगों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी, बीमारी से इलाज कराने में करते थे. इसके अलावे अन्य जरूरतमंदों की जरूरतों को भी पूरा करते थे. इस कारण उनके घरों पर गांव के जरूरतमंदों का ताता लगा रहता हैं, और वे इरफान के आने का इंतजार करते हैं.
इरफान का यह कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उन कामों के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें नरेन्द्र मोदी खुलेआम अमीरों, चोरों और मक्कारों की हिफाजत में 18-18 घंटा काम करता है, वहीं ‘चोर’ इरफान गरीबों, जरूरतमंदों के हिफाजत में दिन-रात काम करते हैं.
सारा देश जब अमीरों के चोर नरेन्द्र मोदी की अमीरों की सेवा में जारी नोटबंदी जारी कर गरीबों के घरों को खाली कर रहा था तभी उसी समय इरफान ने दिल्ली के एक जज के घर से 65 लाख रूपये की चोरी कर उस पैसों से गरीबों की सेवा की. बकौल इरफान जब वह दिल्ली के उस चोर जज के यहां घुसा तो उसके अलमारी में नोटों की गड्डियां मिली. उसने दो बैगों में नोट भरे लेकिन उसक ही उठा पाया. बाद में जब नोट गिने तो 65 लाख रूपये निकले.
उस चोर जज ने भी कहीं किसी पुलिस थानों में केश दर्ज नहीं करवाया, आखिर वह चोर जज इसकी शिकायत भी कहां करवाता ? आखिर वह पैसे भी तो कालाधन ही था, जो मोदी को गरीब किसानों-मजदूरों, रिक्शा चालकों आदि के यहां मिला था तो इरफान को चोर जज के यहां. इरफान के अनुसार उसने अब तक अमीरों के यहां 40 से ज्यादा चोरी कर करीब 20 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा कर चुका था, जिसका अधिकांश हिस्सा उसने जरूरतमंदों की सेवा में खर्च किया.
अमीरों के चोर नरेन्द्र मोदी की ही तरह गरीबों का यह चोर इरफान भी ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है, बस हस्ताक्षर भर कर लेता है. लेकिन वह मोदी से ज्यादा ईमानदार है. उसने कोई फर्जी डिग्री नहीं बनाई और न ही वह मोदी की तरह झूठ बोलता है. हां, उसके ठाठ-बाट मोदी की ही तरह शानदार जरूर है, लेकिन यह ठाठ बाट उसके काम का हिस्सा है.
इरफान अपना यह ठाठ-बाट केवल चोरी करने के दौरान ही इस्तेमाल करता है, जिसके लिए वह एक करोड़ रूपये की कीमत वाली शानदार गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं. यह अलग बात है कि वह अमीरों के लिए गरीबों के यहां चोरी करने वाले चोर नरेन्द्र मोदी की तरह 60 हजार रूपये किलो वाली मशरूम की सब्जी और काजू की रोटी नहीं खाता.
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, अमीरों का चोर मोदी जो गरीबों को लूटकर अमीरों की झोली भरता है, भला इस गरीबों के चोर इरफान को कैसे बर्दाश्त कर सकता था ? इसलिए नरेन्द्र मोदी गिरोह की पुलिस ने इरफान को गिरफ्तार कर लिया है, ताकि आगे से वह और अमीरों को लूटकर गरीबों की झोली न भर सके.
गांव के लोगों के बीच इरफान की लोकप्रियता का आलम यह है कि जब अमीरों के चोर नरेन्द्र मोदी की अमीर पुलिस इरफान को गिरफ्तार करने गांव आई तो अमीरों के इस पुलिस को वहां के लागों ने इरफान के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा.
बहरहाल, इरफान अमीरों के पुलिस की गिरफ्त में है और उनकी पत्नी चुनाव जीत भी गई है. गरीबों के चोर इरफान का अमीरों की पुलिस चाहे जो करे लेकिन इतना तो तय है कि इरफान की ‘रॉबिन हुड’ वाली यह छबि सदियों तक अमीरों के चोर नरेन्द्र मोदी के गिरोह के सपनों में खलल डालती रहेगी.
Read Also –
मोदी ईमानदार है – एक मिथक
राकेश झुनझुनवाला और उसका पालतू कुत्ता
यू-ट्यूब पर कुख्यात मोदी की भारी बेइज्जती
चोर नचाये मोर
हत्यारों की ‘टी’-पार्टी
संघी गैंग कोई राष्ट्रवादी नहीं चोर, उचक्के, भ्रष्ट लोग हैं
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]