भाजपा और उससे जुड़े सारे तत्व भ्रष्टाचार में डूबे हुए ईमानदार हैं. सबको बचाने के लिए अजीब बहाने हैं, मसलन,
- चंपत राय जैन – अविवाहित है, किसके लिए घोटाला करेगा ?
- मोदी – विवाहित है, लेकिन पत्नी तो साथ नहीं रहती न, इसलिए घोटाला किसके लिए करेंगे ?
- योगी – अविवाहित है, संन्यासी भी है, किसके लिए पैसा जमा करेगा ?
- मनोहर लाल खट्टर – अविवाहित है, किसके लिए धन संचय करेगा ?
- मोहन भागवत – अविवाहित है, वो पैसा क्यों खाएगा ?
मतलब जो संघी-भाजपाई है और अविवाहित है, भले ही डिफ़ॉल्टर है पर ईमानदार है ? अगर सारा हिसाब लगाए तो अंधभक्त भी सोच में पड़ जाएंगे कि आखिर इतना पैसा गया तो गया कहां ? हमारे देश पर 2014 के बाद विदेशी कर्ज दुगने से भी ज्यादा हो गया. प्रधानमंत्री मोदी का मास्टरस्ट्रोक नोटबन्दी के बाद 10 लाख करोड़ से अधिक के नये नोट छापे गए.
- पिछले पांच साल में ही भारत सरकार ने पेट्रोल, डीजल, गैस के दाम से ही 23 लाख करोड़ रुपया अतिरिक्त कमाया, उससे कितने प्रोजेक्ट तैयार हुए ?
- प्रधानमन्त्री मोदी की छत्रछाया में, भारतीय रिजर्व बैंक से जनहित के नाम पर जो 5 लाख करोड़ रुपए लूटे गए, वो किस किस को बांट दिया ? ]
- भारतीय सरकारी संस्थानों जिनके पास cash reserve करीब 4 लाख करोड़ का था, उस पैसे से मोदी सरकार ने कौन से नये संस्थान बनाये ?
- रेलवे का बजट पहले अलग से आता था जो अब केंद्र के आधीन बजट में मिल गया है, उसका भी करीब 2 लाख करोड़ रुपए केन्द्र सरकार के पास है तो इन रुपयों का मोदी सरकार ने कहां-कहां रेल योजना का विस्तारीकरण किया ?
- मोदी सरकार ने कुकिंग गैस, पेट्रोल, डीजल, यूरिया पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी खत्म करके सरकारी खजाने में जमा हुआ था, उन रुपयों को जनहित में कहां लगाया गया ?
- शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि का बजट पिछली सरकारों की तुलना में 7- 8 प्रतिशत बजट कम किया गया, जिससे सरकार ने करीब 2 लाख करोड़ रूपए कम बजट दिया तो वो रुपए किस योजना में लगाते गये ?
- पिछले 7 सालों में मोदी सरकार ने कई सरकारी संस्थान बेचे, जिससे करीब 4.5 लाख करोड़ रूपए भारत सरकार ने इकट्ठे किए, वह रुपया कहां खर्च किया ?
- नोटबंदी के बाद जो इनकम टैक्स पेयर 3 करोड़ बढ़े थे, और उनका इनकम टैक्स का करीब 3 लाख करोड़ अतिरिक्त आया, वो कहां गया ?
मोदी प्रधानमंत्री तो देशवासियों की बदौलत बना था तो कोरोना काल में PM केयर फंड में आया अरबों रुपयों का हिसाब देशवासियों को पता क्यों नहीं है ? श्रीराम मन्दिर ट्रस्ट मैं भी बैठे जो संघी भाजपाई सदस्य हैं, वे तो प्रोपर्टी डीलर बनकर पैसा उगा रहे हैं, बीस लाख की जमीन दो करोड़ में, और ढाई करोड़ की जमीन 18.5 कऱोड में खरीदकर रामभक्तों के चन्दे का दुरुपयोग करके दलाली खाई जा रही है, तो यह सब पैसा गया कहां ?
बाजार में पैसा नहीं है, सरकार कहती है उनके पास पैसा नहीं है, 265 टन सोना गिरवी रखा जा चुका है. कोई भाजपाई या उसके अंधभक्त बतायेगा कि आखिर इतने सारे भ्रष्टाचार का और संस्थानों की बिकवाली-नीलामी से इकट्ठा हुआ इतना सारा रुपया गया कहां ? मोदी सरकार जवाब दे.
- मनोज कुमार
[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]