Home कविताएं दानिश सिद्दीक़ी को समर्पित : आवारा गोली

दानिश सिद्दीक़ी को समर्पित : आवारा गोली

0 second read
0
0
611

दानिश सिद्दीक़ी को समर्पित : आवारा गोली

एक आवारा गोली के
शिकार बनने के पहले
मुझे अनगिनत गोलियों का
निशाना बनाया गया था
और, हर बार मैं बच निकला

बचते हुए जब मैं
इस खुले मैदान में
एक खुले आसमान के नीचे पहुंचा
तब एहसास हुआ मुझे कि
नहीं, भाग नहीं रहा था मैं कहीं
क्योंकि भागने के लिए
ज़मीन और आसमान दोनों
बहुत छोटे पड़ जाते हैं

जब मैं छोटा था
तब मुझे एक धर्म
और एक तहज़ीब के निशाने पर लिया गया
और मुझे एक नाम दिया गया
जो मुझे मिटाने के लिए काफ़ी था

उस नाम ने मेरी भूख प्यास
मेरे प्यार और मेरे सपनों को
घेर कर रोज़ मारता रहा
वैसे तो सारी दुनिया
मुझे मेरे नाम से पुकार कर
मुझे ज़िंदा साबित करने की कोशिश में लगे रहे

दरअसल
कुछ लोगों को मेरे नाम से ज़्यादा आपत्ति
मेरी आंखों से थी
लेकिन, ज़माना बदल गया था
और कुणाल बनने को
बिल्कुल तैयार नहीं था मैं

वे तरह तरह के लुभावने चश्मे लाकर
ट्रायल रूम में ले जाते मुझे
लेकिन, मुझे पसंद था
नंगी आंखों से नंगे सच को देखना
और इसके लिए दुनिया की सबसे बेहतरीन
लेंस मेरी आंखों में प्रत्यारोपित किया गया था
दुनिया के सबसे ज़हीन सर्जन द्वारा
जिसे कहते हैं
इंसानियत

उनके यातना गृहों में
दुरभिसंधियां अनवरत चलती हैं
उनके आयुध शालाओं में
हज़ारों सालों से रिसर्च चलता है
एक आवारा गोली पर
जिसके निशाने पर कोई नहीं है
और इसलिए हर कोई है

अब मेरे क़ातिल कह रहे हैं
वे मुझे बख्श भी सकते थे
अगर उनको पता होता कि
मैं उनकी हत्याओं का
चश्मदीद गवाह हूं

  • सुब्रतो चटर्जी

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…