पिछले सात सालों से देश की सत्ता पर काबिज धूर्त हत्यारा मोदी-शाह गैंग देश की करोड़ों जनता को मौत के मूंह में धकेल कर जिस तरह ठहाका लगाता है, वह उसकी हैवानियत को नंगा चितेर देता है. इसके पास सिंगल ऐजेंडा रहता है और वह है, नेहरू-गांधी के विरासत को देशद्रोही सिद्ध करना. हर समस्याओं के लिए नेहरु-गांधी के विरासत को जिम्मेदार बता कर खुद कर पिण्ड छुड़ा लेना. परन्तु, इसकी बदकिस्मती है कि लोगों की यादाश्त इतनी भी बुरी नहीं है, जितना इस गैंग ने समझ रखा है.
आज से 46 साल पहले आज ही के दिन देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी. आज इस अवसर का फायदा उठाते हुए मोदी-शाह का यह कुख्यात गैंग ने ट्वीट किया है, जिसे यह दिन-रात कानूनी शिकंजे में जकड़ने का कुकृत्य करता आ रहा है. वह अपने टि्वट में आपातकाल को याद करते हुए लिखता है – एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है. 21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन.
एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।
21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन।
— Amit Shah (@AmitShah) June 25, 2021
परन्तु यह वेबकूफ यह भूल जाता है कि इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल देश की राजनीतिक हालात, जिसका सबसे बड़ा दोषी यही संघी-बजरंगी जैसे दक्षिणपंथी आतंकवादी थे, जिसे रोकने का उसने प्रयास किया था. लेकिन देश की आम मेहनतकश आवाम को इस आपातकाल का कोई बुरा असर पड़ना तो दूर उल्टे काफी लाभान्वित भी हुई थी.
बहरहाल, पत्रकार सौमित्र राय अपने सोशल मीडिया के पेज पर इंदिरा गांधी के लगाये घोषित आपातकाल और मोदी-शाह गैंग द्वारा लगाये गये पिछले सात सालों से जारी अघोषित आपातकाल की तुलना करते हुए लिखते हैं –
आज से 46 साल पहले 25 जून 1975 को आपातकाल लगा था. जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल के लिए माफी मांगी तो लगा कि हमारे इतिहास का एक भयावह काल खत्म हो गया है और अब यह वापस कभी नहीं आएगा. आज 46 साल बाद यह अहसास हो रहा है कि हम गलत थे.
तब का आपातकाल अगर एक ‘झटका’ था तो आज की स्थिति ‘हलाल’ की तरह है, जिसमें लोकतंत्र को हमारी राजव्यवस्था से अलग किया जा रहा है. उस समय की स्थितियों और अभी की स्थितियों में काफी समानताएं हैं. मोदी ने सत्ता का इतना केंद्रीकरण कर दिया है कि निर्णय ले लिए जाते हैं और संबंधित विभाग के मंत्री को पता भी नहीं होता है.
आपातकाल की तुलना में देखें तो प्रशासनिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और अधिक खत्म हुई है. चुनाव आयोग, सशस्त्र बलों, न्यायपालिका, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक जैसी संस्थाएं राजनीतिक हस्तक्षेप से अपनी स्वतंत्रता के लिए जानी जाती हैं, लेकिन अभी ये मोदी-शाह की जोड़ी के साथ मिलकर उनकी हिंदुत्व की परियोजना के लिए काम करती दिखती हैं.
लोगों को किसी भी तरह देशद्रोह (राजद्रोह) के कानून या अन्य ऐसे कानूनों के तहत उठाया जा सकता है और जिस तरह से मीसा कानून में पक्ष रखने का मौका नहीं मिलता था, वही अब भी हो रहा है. आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम यानी मीसा (MISA) की तरह ही गैरकानूनी गतिविधियां प्रतिरोधक कानून (UAPA) के प्रावधान भी बेहद व्यापक हैं.
आपातकाल के दौरान संजय गांधी के सौंदर्यवादी अधिनायकवाद को मोदी ही आगे बढ़ा रहे हैं. सेंट्रल विस्टा परियोजना को काफी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. वह भी ऐसे समय में, जब हजारों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मर रहे थे. अभी इस तरह के अधिनायकवादी नेतृत्व को ताकत वैचारिक पृष्ठभूमि से मिल रही है. दुर्भाग्य यह है कि अभी ये खत्म होता नहीं दिख रहा.
वहीं, अमित शाह के टि्वट पर करारा जवाब लोगों ने दिया है. शुभम पांडेय लिखते हैं कि ‘देश को जितना नुकसान उस आपातकाल के समय नहीं हुआ, उससे कहीं ज्यादा BJP सरकार के इन 7 सालों के शासनकाल में हुआ है. बेरोजगारी बढ़ी, महंगाई दर में वृद्धि, GDP गर्त में, किसान सडकों पर, इन बर्बादी के सालों पर कुछ कहेंगे ???’
तो दूसरे विनोद कुमार दीक्षित लिखते हैं कि ‘और यहां जो 7 साल से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है इसके जिम्मेदार कौन है ? पहले सरकार के खिलाफ बोलने से सरकार सुनती थी, आज सरकार के खिलाफ बोलने पर देशद्रोह का मुकदमा होता है. किसान सरकार के गलत कार्यों का विरोध करती है तो किसान को देशद्रोही कहा जाता है. शर्म आनी चाहिए गृह मंत्री जी आप को’
देश को जितना नुकसान उस आपातकाल के समय नही हुआ, उससे कही ज्यादा BJP सरकार के इन 7सालों के शासनकाल में हुआ है, बेरोजगारी बड़ी, महंगाई दर में वृद्धि, GDP गर्त मे, किसान सडको पर, इन बर्बादी के सालों पर कुछ कहेंगे???
— Shubham Pandey🇮🇳 (@ssspanday50) June 25, 2021
और यहां जो 7 साल से अघोषित आपातकाल लगा हुआ है इसके जिम्मेदार कौन है पहले सरकार के खिलाफ बोलने से सरकार सुनती थी आज सरकार के खिलाफ बोलने पर देशद्रोह का मुकदमा होता है किसान सरकार के गलत कार्यों का विरोध करती है तो किसान को देशद्रोही कहा जाता है शर्म आनी चाहिए गृह मंत्री जी आप को
— Vinod Kumar Dixit (@VinodKu51806624) June 25, 2021
आविष्कार कुमार और भी करारा जवाब देते हुए लिखते हैं ‘कायर सावरकर के वंशज आरएसएस वाले चड्डी में हग कर और भी पीली कर दिए थे. लिखित में दिया था बुजदिल संघ ने कि वो इंदिरा जी के फैसले के साथ है.’ तो सहदेव प्रसाद लिखते हैं ‘इंदिरा गांधी में साहस था उन्होंने खुले आम आपातकाल की घोषणा देश हित में की और उसके परिणाम को भी भोगा , आप लोगो की तरह कायरता पूर्ण पिछले दरवाजे से ब्लैकमैल का सहारा नहीं लिया , उनकी सबसे बड़ी गलती थी की उसी के स्टाफ में आस्तीन के सांप संघी पनप रहे थे और उन्होंने उनको नहीं निकाला
कायर सावरकर के वंशज आरएसएस वाले चड्डी में हग कर और भी पीली कर दिए थे। लिखित में दिया था बुजदिल सँघ ने की वो इंदिरा जी के फैसले के साथ है 😂😂
— Aawishkar Kumar (@ak_twitts) June 25, 2021
इंदिरा गांधी में साहस था उन्होंने खुले आम आपातकाल की घोषणा देश हित में की और उसके परिणाम को भी भोगा , आप लोगो की तरह कायरता पूर्ण पिछले दरवाजे से ब्लैकमैल का सहारा नहीं लिया , उनकी सबसे बड़ी गलती थी की उसी के स्टाफ में आस्तीन के सांप संघी पनप रहे थे और उन्होंने उनको नहीं निकाला
— Sahdeo Prasad (@Sahdeo12) June 25, 2021
तो वहीं नीता नाम के एक यूजर ने भाजपा कांग्रेस की पोल खोलते हुए लिखती है कि ‘1983 असम के नेल्ली में ब्राह्मण अटल बिहारी वाजपेयी के भड़काऊ भाषण के बाद दंगे में 10,000 लोग मारे गए. आडवाणी की खूनी रथ यात्रा याद होगी. इन दोनों को भी सज़ा नही हुई ? तब सरकार Congress की थी इस बात को भी बताओ गृहमंत्री. जनता जान चुकी हैं कांग्रेस बीजेपी एक हैं.’
1983 असम के नेल्ली में ब्राह्मण अटल बिहारी वाजपेयी के भड़काऊ भाषण के बाद दंगे में 10,000 लोग मारे गए.
आडवाणी की खूनी रथ यात्रा याद होगी.
इन दोनों को भी सज़ा नही हुई?
तब सरकार Congress की थी
इस बात को भी बताओ गृहमंत्री।
जनता जान चुकी हैं कांग्रेस बीजेपी एक हैं।— Neeta (@i_am_neeta2) June 25, 2021
इसी तरह सैकड़ों यूजर ने मोदी-शाह गैंग की पोल खोलते हुए अमित शाह के ट्वीट की चिंदी बिखेर दी पर निर्लज्जों को लज्जा आती ही कब है.
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