टेस्ट रिपोर्ट मिले
सात साल हो गये
जिस बीमारी का
जो थोड़ा बहुत संदेह था
कन्फर्म हो गया है.
तथाकथित नामी गिरामी वैज्ञानिकों को
जो टीका तैयार करनी थी,
नहीं कर पाये.
कीमत तो देर सबेर चुकानी थी,
सो चुकाना पड़ रहा है.
जब मंदिर ही जाना था
राम कथा ही सुननी थी
तो क्या फर्क पड़ता है
तुम सुनाओ या वे सुनाएं ?
हवा महल ही बनाने हैं
तो तुम बनाओ या वे ?
चित्रा दी तुम्हारी तरफदारी करें
या उनकी
अव्वल तो तरफदार बने रहने में है.
विकल्प सर्पदंश के आनंद का है
आनंद गेहुंअन का हो या करैत का !
- राम प्रसाद यादव
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