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रेशम का कीड़ा

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रेशम का कीड़ा

रेशम के कोए से
बाहर निकला कीड़ा,
उसने रेशम बनाने से
इंकार कर दिया,

मालिकों से कहा
कि बढ़ाओ पगार,
नहीं तो नहीं बुनेंगे
हम रेशम,

मालिक तो मालिक थे-
क्या भजन-कीर्तन मंडल,
क्या कटे हाथ के पंजे,
क्या धनुष तीर व तलवार,
सबने किया इंकार,
अब हड़ताल पर हैं
रेशम के कीड़े,

रेशम का बुनना
बंद हो चुका है,
अब तो पूरा देश,
अंबानी की रिफाइनरी
से निकले पलास्टिक
व फाइबर
के कपड़े पहन रहा है,

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
व गुजरात
का सारा बढ़िया कपास
जा रहा है
आज भी विदेशों को,
वहां की कपड़ा मिलों
में बुने गये कपड़े
भारत के बाजारों में
मंहगे दामों पर
फिर बिक रहे हैं

वापस आ गया है
फिर ब्रिटिश युग,

हमारे बुनकरों की
स्त्रियां तो फिर से
घर के चरखे व करघे
पर बुने गये मोटे
कपड़ों के स्थान पर,
अंबानी की रिफाइनरी
से पैदा प्लास्टिक
व फाइबर के कपड़े
पहन रही हैं.

  • राम चन्द्र शुक्ल / 06-06-2021

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