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काले कौवे

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काले कौवे

उसका ही नहीं
किसी का भी अपना
बन नहीं पा रहा हूं

कुछ तो है
अंदर
जो नहीं है

कोयले की खान में काम करते
इतना सुफेद होना भी ठीक नहीं है

शुरु से अपनी
एक
बहुत बुरी लत रही
रात को हमेशा रात कहने की

तुम्हीं कहो, आखिर
उस काले कौवे को
कहता तो क्या कहता

  • राम प्रसाद यादव

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