Home लघुकथा अपराध

अपराध

1 second read
0
0
601

अपराध

देश के एक व्यक्ति पर केस दर्ज हुआ. उसे अदालत में पेश किया गया.

न्यायाधीश ने कहा – ‘तुम पर आरोप है कि तुमने राजा के सम्बोधन में गुस्ताखी की हैं. राजा को तुमने ‘तू-तू’ कहकर संबोधित किया है.’

मुजरिम बोला- ‘मैं यह आरोप स्वीकार करता हूं जज साहब. दरअसल मैं तो राजा के मुंह पर थूकना चाहता था लेकिन राजा मेरी पहुंच से दूर है.’

जज ने नाराजगी जताई – ‘अपराध करके भी बदतमीजी ? कुछ और कहना है तुम्हें ?’

व्यक्ति ने कहा – ‘जज साहब, जिस अदालत में जनता को राजा की दुष्टता की निंदा करने के लिये अपराधी कहा जाए, मैं उस अदालत के मुंह पर भी थूकना चाहता हूं.

  • विरेन्द्र भाटिया

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • देश सेवा

    किसी देश में दो नेता रहते थे. एक बड़ा नेता था और एक छोटा नेता था. दोनों में बड़ा प्रेम था.…
  • अवध का एक गायक और एक नवाब

    उर्दू के विख्यात लेखक अब्दुल हलीम शरर की एक किताब ‘गुज़िश्ता लखनऊ’ है, जो हिंदी…
  • फकीर

    एक राज्य का राजा मर गया. अब समस्या आ गई कि नया राजा कौन हो ? तभी महल के बाहर से एक फ़क़ीर …
Load More In लघुकथा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…