देश के एक व्यक्ति पर केस दर्ज हुआ. उसे अदालत में पेश किया गया.
न्यायाधीश ने कहा – ‘तुम पर आरोप है कि तुमने राजा के सम्बोधन में गुस्ताखी की हैं. राजा को तुमने ‘तू-तू’ कहकर संबोधित किया है.’
मुजरिम बोला- ‘मैं यह आरोप स्वीकार करता हूं जज साहब. दरअसल मैं तो राजा के मुंह पर थूकना चाहता था लेकिन राजा मेरी पहुंच से दूर है.’
जज ने नाराजगी जताई – ‘अपराध करके भी बदतमीजी ? कुछ और कहना है तुम्हें ?’
व्यक्ति ने कहा – ‘जज साहब, जिस अदालत में जनता को राजा की दुष्टता की निंदा करने के लिये अपराधी कहा जाए, मैं उस अदालत के मुंह पर भी थूकना चाहता हूं.
- विरेन्द्र भाटिया
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