मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘नीच’ क्या कहा, मोदी की मनमांगी मुरादा पूरी हो गई. मोदी ने इस ‘नीच’ शब्दावली को लपक लिया और अब इसी के सहारे गुजरात की नैय्या पार कराने की कोशिश में जुट गये. बावजूद इसके की प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरी भाजपा, कांग्रेस नेता समेत देश के पूर्वप्रधानमंत्री नहेरू, इंदिरा, राजीव समेत राहुल, मनमोहन, सोनिया आदि पर अपने गंदे अल्फाज इस्तेमाल करते रहे हैं, पर कांग्रेस ने प्रारम्भ से ही प्रधानमंत्री पद की मर्यादा का ख्याल रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अपशब्दों के बाण चलाने से परहेज किया.
भाजपा और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनकी योग्यता का आज तक पता नहीं चल पाया, ने देश की तमाम संस्थाओं को न केवल पंगु ही बना डाला है, वरन् उसने पुलिस विभाग को अपना लठैत और अन्य विभाग को दलाल बनाकर उसकी विश्वसनीयता को ही खत्म कर दिया है. चाहे वह रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया हो, या चुनाव अयोग. दलाल बने चुनाव आयोग का इस्तेमाल सत्ताधारी भाजपा ने बखूबी किया और देश भर में चल रही चुनाव प्रक्रिया को ईवीएम के जरिये छेड़छाड़ कर चुनाव परिणाम प्रभावित करना शुरू कर दिया, जिसे देश की जनता बखूबी देख चुकी है. ईवीएम के पक्ष में डटकर खड़े चुनाव आयोग के बाद भी गुजरात में चल रहे चुनाव में जनता पूरी सर्तकता के साथ निगाह रख रही है. जिस कारण प्रधानमंत्री मोदी को भी अब इस ईवीएम मशीन पर भरोसा कम हो गया लगता है.
गुजरात में एक बार फिर हिन्दु-मुस्लिम दंगे की राजनीति भड़काने में माहिर भाजपा के किसी भी हिन्दुत्ववादी कार्ड को गुजरात की जनता ने पूरी तरह नकार दिया. जामा मस्जिद के इमाम को जिंदा जलाने की कोशिश और गुजरात में स्वामी नारायण मंदिर के पुजारी पर हमला गुजरात चुनाव को हिंदू-मुस्लिम दंगे का स्वरूप देने की साजिश को गुुुजरात की जनता नेे सिरे से खारिज कर दिया.
2014 के लोकसभा चुनाव में विकास के ‘गुजरात माॅडल’ का सहारा लेकर चुनाव लड़ने वाली भाजपा गुजरात में अब किसी भी मुद्धा को नहीं उठा पा रही है क्योंकि देश की जनता के बीच एक ओर जहां गुजरात माॅडल की पोल खुल गई, तो दूसरी तरफ गुजरात में भाजपा के हर प्रकार के विकास की आड़ में हो रहे जनविरोधी गतिविधियों के खिलाफ गुजरात की जनता उठ खड़ी हुई. ऐसे में गुजरात में आम जनता का जबर्दस्त विरोध झेल रही भाजपा गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल को बदनाम करने के लिए ‘सीडी’ का सहारा लिया, जिसको भी देश की जनता सहित गुजरात की जनता ने पूरी तरह नकार दिया. ऐसे वक्त में मणिशंकर अय्यर की आई टिप्पणी मानो मोदी की डुबती नैय्या को पार करने का एक सहारा मिल गया और वह गुजरात की जनता को मनोवैज्ञानिक तौर पर ब्लैकमेल करने लगे.
मणिशंकर अय्यर ने नरेन्द्र मोदी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘‘मुझको लगता है कि यह आदमी बहुत ही नीच किस्म का आदमी है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौकों पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है ?’’ यहां मोदी की ‘इस किस्म की गंदी राजनीति’ का संदर्भ देश के सामने पूरी तरह स्पष्ट है, जिसे अय्यर ने संकेत के रूप में दिया है. मोदी ने एक बार फिर अपनी घटिया राजनैतिक चाल चलते हुए इसे खुद पर होने वाले हमले, पाकिस्तान और गुजरात की जनता से जोड़ने लगे.
दरअसल अय्यर ने भले ही माफी मांग ली हो और कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया हो, परन्तु देश और गुजरात की जनता अय्यर के मंतव्य को भली प्रकार समझ गई है. वह मोदी के किसी भी मनोवैज्ञानिक ब्लैकमेल, हंसने, रोने, गाने, नाचने, झूलने, मौत की आशंका आदि जैसे अभिनय से पूरी तरह वाकिफ हो गई है.
वैसे संभावना यह भी जतायी जा रही है कि गुजरात में मोदी सहित भाजपा की कोई भी चालाकी जब कामयाब नहीं हो पा रही है, लगातार भाजपा नेताओं की जनता द्वारा पिटाई तक हो रही है. उन्हें इलाके से खदेड़ कर जनता बाहर कर रही है, तब मोदी और अय्यर के बीच कोई ‘डील’ की गई थी, और मोदी के ईशारे पर ही अय्यर ने ‘‘नीच’’ शब्द का इस्तेमाल किया था.
बात चाहे जो भी हो पर जनता इस बात को समझती है कि अगर मोदी सहित भाजपा को एक बार फिर जीतने का मौका दिया गया तो वह जनता की सेवा करने के वजाय अंबानी-अदानी के भविष्य को ही सुरक्षित बनायेगी.
आज देश की राजनीति का दारोमदार गुजरात की जनता के कंधों पर एक बार फिर जा टिका है. उन्हें एक बार फिर यह साबित करना होगा कि गुजरात गांधी और पटेल की धरती है, जहां किसी भी प्रकार की दलाली और ईवीएम के फर्जी मतदान को रोककर भाजपा को अपनी औकात दिखानी है. गुजरात की जनता को यह दिखाना होगा कि यही वह भाजपा है जिसने गुजरात के ही एक बेटे महात्मा गांधी को ‘‘चुतर बनिया’’ कहा था. ये वही भाजपा के असभ्य तत्व हैं जिनके कथनी और करनी में बेमिशाल अंतर है. जनता के हित की बात करने वाली भाजपा असल में अपने नेताओं, मंत्रियों सहित अंबानी-अदानी का खजाना भरने में दिन-रात लगी हुई है और देश की जनता मंहगाई, भ्रष्टाचार, अनाचार, अशिक्षा, कर्ज, गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी, आत्महत्या की गहरी खाई में धकेल दी गई है.
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ये ‘‘नीच’’ अवतार भाजपा को कहां तक ले जायेगी, यह तो गुजरात की जागरूक और पीड़ित जनता ही तय कर सकेगी.
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S. Chatterjee
December 11, 2017 at 5:28 pm
गुजरात फ़ैसला कर चुका है प्रथम चरण के मतदान के बाद मेरे पास जो ज़मीनी और विश्वस्त ख़बरें आई हैं उसके अनुसार भाजपा अभूतपूर्व हार देखने जा रही है। मोदी की झल्लाहट से भी स्पष्ट है। मैंने दो महीने पहले ही कहा था गुजरात मोदी का वाटरलू साबित होने जा रहा है
Tejpratap Pandey
December 11, 2017 at 5:46 pm
मोदी की शब्दावली ही उनके राजनीतिक पतन की शुरूआत हैं।चुनाव भले ही जीत जाए,लेकिन उनकी जगह इतिहास का कूङेदान ही हैं।
Sakal Thakur
December 12, 2017 at 12:31 pm
महानीच भी होता है