घर में कांटेदार पेड़
लगाने की मनाही है
बावजूद इसके अंदर
एक नागफणी सजा रखा है
इस रिश्ते को क्या नाम दूं
रिश्तों के रस्म से शब्दों के अर्थ
अक्सर कुचले जाते हैं
और कुचले शब्दों के जख्म में
बेचारी कविता अकेली कुलबुलाती रहती है
ऐसे यह कोई कविता नहीं है
कविता का इलहाम है
जिससे दिल धड़कता है
सांसें बंद नहीं होतीं
उम्र थोड़ी और खिंच जाती है
कांटों के इस जंगलात में कैसे रहूं
तोहफों के एवज इल्ज़ामों की झड़ी है
बेकसूर हवाओं के बदन छिलते हैं
शराफ़त लंगड़ाती है
आदर्श बौना हो जाता है
कमरे की सजावट बहुत दिलकश है
मगर एक दुर्लभ सुकून की तलाश है
हम कागज के फूल
चीथड़े होने तक कभी मुर्झाते नहीं
कच्ची आंच की तपिश
कहीं बाहिर न पहुंचे
हम एक फायर प्रूफ घर में रहते हैं
यह शरीफों की पॉश कॉलोनी है
जिसकी आधारभूत संरचना
पेट्रोल के पीपों पर टिकी है
- राम प्रसाद यादव
विशाखापट्टणम
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