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कच्चा माल

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जब नफरत है
तो नफरत बरकरार रखना
तकलीफ सूख चुकी है
किनारा मिले न मिले
किनारों से किनारा कर लिया है

खुशी है
तुम धरती पर हो
लहरें जितनी ऊंची उठें
लहरों से लड़ना
इस बीच सीख लिया है

नफरत से
कोई नफरत नहीं है
लायक बनने की
तमाम कोशिशें छोड़ दी हैं
दर्द की निवेशित पूंजी
और उसका
महीने भर का ब्याज
जीने का जरिया है

दर्द दर्द नहीं
नामवर ब्रैंड के उत्पादों का
कच्चा माल है
बाजारों में अच्छी मांग है
बिक्री बाद सेवा का
सुनिश्चित वादा है

  • राम प्रसाद यादव

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ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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