गंगा अब हजारों लाशें ढो रही है. चील-कौएं, सुअर-कुत्ते लाशें नोंच रहा है. मामूली उपकरणों व दवाईयों से अभाव में अस्पताल मौतों के अड्डे में तब्दील हो गये हैं. सरकारें लोगों की मौतों को सुनिश्चित करने के लिए जी-जान लगाये हुए है क्योंकि उसका मानना है कि ‘कोरोना वायरस भी एक प्राणी है, और उसे भी जीने और लोगों को मारने का पूरा अधिकार है’ (उत्तराखण्ड के भाजपाई मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बयान). इसलिए देश के अंदर की तो छोड़िये विदेशों से आने वाली भीख (ऑक्सीजन, दवाई वगैरह) को ही जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. हजारों से लेकर लाखों रूपयों में मामूली दवाईयों की कालाबाजारी हो रही है.
इस सबसे बेपरवाह केन्द्र की नरेेन्द्र मोदी सरकार सेन्ट्रल विष्टा (जिसे केन्द्रीय शौचालय या ताबूत भी कहा जा रहा है) बनाने में घोषित तौर पर 23 हजार करोड़ रूपये फूंक दिया गया है, जिसकी खर्च अभी और भी आगे बढ़ती जायेगी. इससे ऐसा लगता है कि मानो नरेन्द्र मोदी एक बेहद ही बेवकूफ आदमी है अथवा रोम का नीरो है. परन्तु, असल में सच्चाई तो यह है कि यह बेहद ही धूर्त आदमी अपनी पूरी हैवानियत के साथ देश की जनता, उसके संसाधनों को लूटकर देशी-विदेशी लूटेरों के हाथों गिरवी रख रहा है और इसके साथ ही देश की आबादी को भी 50% तक कम करने की महती भयावह योजना पर काम कर रहा है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मौके पर भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी सभाओं में गांव-गांव श्मसान बनाने की घोषणा किया था. उत्तर प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आते ही इसका पहला असर दिखा था जब 2018 में गोरखपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से सैकड़ों बच्चे मर गये, और जिस डाॅक्टर काफील खान ने अपने पैसों से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद कर लाये, और लोगों को बचाने का प्रयास किया, उत्तर प्रदेश के अपराधी रिकॉर्ड वाले मुख्यमंत्री अजय कुमार विष्ठ ने उन्हें फौरन गिरफ्तार कर जेलों में न केवल बंद ही कर दिया अपितु जेल में ही उनकी हत्या करने का भरपूर प्रयास किया. यह तो भारी जनदवाब का नतीजा था कि संघी दलाल कोर्ट को भी रिहा करना पड़ा, वरना परिणाम की कल्पना ही भयावह है. लेकिन वह डॉ. काफील खान आज तक निलंबित हैं और उनके एक भाई पर हत्या करने की नियत से गोली भी चलाई गई.
केन्द्र की मोदी सरकार इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि देश में कम से कम 50 करोड़ की आबादी कम की जाये. मोदी की इस कोशिश में हर वह ताकतें जो आड़े आ रही है, मोदी उसे खत्म करने या जेलों में डालने की कोशिश कर रहा है, चाहे वह हत्यारी भाजपा सरकार का पोल खोल देने वाले और जरुरतमंदों को सहायता पहुंचाने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव ही क्यों न हो.
बेहद मामूली मेडिकल ऑक्सीजन, इंजेक्शन यहां तक कि भूखों को रोटी-रोजगार तक की उपलब्धता को मोदी सरकार ने देश के गायब कर दिया है, या छिपा दिया है, और जो कोई व्यक्ति या संस्था इस ऑक्सीजन, मेडिकल उपकरणों, भूखों को रोटी की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है या कराने की कोशिश कर रहा है, वैसे लोगों पर मोदी सरकार और उसके एजेंट विभिन्न राज्य सरकार झूठे मुकदमें चला कर जेलों में बंद करा रहा है, उनकी हत्या तक कराने की कोशिश कर रहा है ताकि लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या करने के लिए उपयुक्त माहौल तैयार कर सके. हालिया पप्पू यादव की गिरफ्तारी और अब उनकी हत्या करने का केन्द्र की मोदी सरकार और बिहार के भाजपाई राज्य सरकार का मुखौटा नीतीश सरकार की कोशिश इसी ओर इशारा करता है.
इब्न ए आदम अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखते हैं –
आपने छोटे छोटे क़स्बों में देखा होगा कि लोग ख़ाली सिलेंडर इकट्ठे करके दूर दराज़ से उसमें ऑक्सीजन भरवा कर ज़रूरतमंदों की ज़रूरत पूरी कर रहे हैं. सिलेंडर आम लोगों के पास नहीं होते इसलिए उनकी मजबूरी को समझते हुए यह लोग ख़ाली सिलेंडर का इंतज़ाम भी खुद ही कर रहे है. इन लोगों में किसी ने 10-20 सिलेंडर का जुगाड़ कर रखा है तो किसी के पास 100 तक सिलेंडर है. सब कुछ फ़्री चल रहा है. किसी से कोई पैसा नहीं. यह समाजसेवी या जन प्रतिनिधि अपनी जेब से पैसा ख़र्च करके यह इंतज़ाम कर रहे हैं.
इमरान हुसैन दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री है. ज़ाहिर है उनके पास ज़्यादा जुगाड़ है. उन्होंने किसी तरह से जुगाड़ करके 400-500 सिलेंडर इकट्ठे किए. सिलेंडर हरियाणा के किसी प्लांट से भरवाए और अपने विधानसभा क्षेत्र में बांटने शुरू कर दिए. उन्होंने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट पर सिलेंडर भी दिखाए और यह भी एलान किया कि दिल्ली में जिसे भी सिलेंडर की ज़रूरत हो वो डॉक्टर का पर्चा लेकर हमारे पास आए, हम उसे फ़्री सिलेंडर देंगे. 8–10 दिन तक इमरान हुसैन और उनकी टीम ने बिना किसी भेदभाव के फ़्री सिलेंडर बांटे. किसी एक व्यक्ति ने यह शिकायत नहीं की कि उनको उनकी जाति या धर्म देखकर सिलेंडर नहीं दिया या फिर उनसे इसके बदले पैसे वसूले गए.
जैसा कि आजकल आप देख ही रहे हैं कि राष्ट्रवादी लोगों को जनता की मदद करने वाले लोग पसंद नहीं आ रहे हैं. पप्पू यादव, श्रीनिवास बीवी, मुकेश शर्मा, दिलीप पाण्डे, नूरी ख़ान जैसे अनगिनत लोग हैं, जो जनता की भलाई करने के जुर्म में गिरफ़्तार हुए या उनसे पूछताछ हुई. ऐसे ही एक महान राष्ट्रवादी को इमरान हुसैन का मदद करना पसंद नहीं आया और वो इनके ख़िलाफ़ हाई कोर्ट चला गया. हाई कोर्ट में इस महान राष्ट्रवादी ने इमरान हुसैन पर इल्ज़ाम लगाया कि वो ऑक्सिजन की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे हैं, दिल्ली सरकार अस्पतालों में देने की बजाय उन्हें ऑक्सिजन दे रही है.
आईटी सेल को मौक़ा मिल गया. हाईकोर्ट में रिट फ़ाइल होते ही उन्होंने इमरान हुसैन के लिए ज़हरीले पोस्ट डालने शुरू कर दिए. उनके नाम का असर था कि आईटी सेल के पोस्ट दोगुनी रफ़्तार से वाइरल होने शुरू हो गए.
इमरान हुसैन के ऊपर दिल्ली हाई कोर्ट में मुक़दमा चला. उन्होंने अपनी सफ़ाई में वो सारे काग़ज़ पेश किए जिनसे उन्होंने सिलेंडर का इंतज़ाम किया था और हरियाणा से गैस भरवाई थी. हाई कोर्ट ने आज इमरान हुसैन को इस मामले से बाइज़्ज़त बरी कर दिया.
इस सारी प्रक्रिया में इमरान हुसैन के 7-8 दिन ख़राब हो गए. इन दिनो में ना जाने कितने लोग ऐसे होंगे जिनकी मदद इमरान हुसैन कर सकते थे, लेकिन नहीं कर पाए. ना जाने कितने लोग ऐसे होंगे जो इमरान हुसैन से ऑक्सिजन ले सकते थे लेकिन नहीं ले पाए और मर गए. क्या वो राष्ट्रवादी जिसने इमरान हुसैन पर केस किया था, गोदी मीडिया और आईटी सेल उन लोगों से माफ़ी मांगेंगे जिनके परिवार के सदस्य उनके घटिया काम की वजह से अब इस दुनिया में नहीं है.
आईटी सेल वालों, राष्ट्रवादियों तुमसे देश में किसी को उम्मीद नहीं है कि तुम किसी की मदद करोगे. कोई तुमसे मदद मांग भी नहीं रहा है क्यूंकि सब जानते है तुम केवल नफ़रत फैला सकते हो, मदद नहीं कर सकते. जो लोग इस नाज़ुक समय में लोगों की मदद कर रहे हैं , कम से कम उनको तो बख़्श दो. अपनी घटिया हरकतों से बाज़ आ जाओ क्यूंकि तुम्हारे परिवार में भी अगर किसी को मदद की ज़रूरत पड़ी तो कोई इमरान हुसैन, श्रीनिवास बीवी, दिलीप पांडेय, नूरी ख़ान ही मदद के लिए आगे आएंगे. तुम्हारे आका मोदी से मदद मांगने वाले कई लोग बिना मदद के मर चुके, याद रखना.
केन्द्र की मोदी सरकार एक ओर जहां देश की आबादी को 50 प्रतिशत कम करने लिए करोड़ों लोगों को मौत के मूंह में डालने की वृहद योजना पर काम रही है, वहीं देश में ऐसे हजारों लोग और संस्थान मौजूद हैं जो लोगों को मरने से बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं. ये संघी बदमाश देश की करोड़ों लोगों के लिए मौत की घंटी है, जिसका विरोध करना और उसके घृणित कृत्यों को बेनकाब करना आज की फौरी जरूरत है.
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