देह

0 second read
0
0
253

देह
इस देह में
बहुत सारे देह हैं

एक देह वह है
जो सिर्फ़ भीड़ से धकियाते हुए
अपने गंतव्य तक पहुँचता है

इस देह में घुल जाता है
हज़ारों देह के गंध
गोनोरिया रोगी हो या गलित कुष्ठ का रोगी
सबकुछ आत्मसात कर
ज़िंदा रहता है यह देह

तुम इसे मेरी उन्नत प्रतिरोध क्षमता कहते हो
मैं इसे अपने पारिपार्श्विक के प्रति उदासीनता

दूसरा वह देह है
जो तुम्हारे साथ अंतरंग होने के लिए
शुचिता की तलाश में रहता है
बाल्टी भर पानी में धुल जाता है
नर्तकी का ज़हरीला दंश

यह देह तुम्हारे साथ जब होता है
अक्सर, बंद खिड़की के पीछे
मुजरा करती हैं उसकी परछाईंयाँ

तुम इसे खंडित व्यक्तित्व कहते हो
मैं इसे दुनाली के निशाने पर रखा शिकार कहता हूँ

तीसरा देह नींद और शांति की तलाश में रहता है
उसके लिए फुटपाथ और महल में
कोई अंतर नहीं है
माँ की गोद से बिछड़ने के बाद
इस देह के लिए सब कुछ एक समान है

तुम इसे निस्पृह पशु कह सकते हो
मेरे लिए यही चरम वैराग्य है

एक और देह इनके सिवा भी है
एक देह
जो कभी बनना चाहता है
राजा के बेशर्म नाक पर पड़ता हुआ घूँसा
कभी बनना चाहता है
बारूद और बंदूक़
उनके लाल कार्पेट के नीचे
फटना चाहता है बम बनकर

तुम इसे आत्मघाती कह सकते हो
मेरे लिए यही देह सबसे उत्तम है

  • सुब्रतो चटर्जी

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

इतिहास का अध्ययन क्यों करें ?

लोग वर्तमान में जीते हैं. वे भविष्य के लिए योजना बनाते हैं और उसके बारे में चिंता करते हैं…