यह सड़क नहीं
रनवे है
हम यहां चलते नहीं
उड़ते हैं
धुंध की परवाह किसे है
जो पराली जला रहे हैं वे
या वे जो धुंध
बनाए रखना चाहते हैं
वे
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यार, क्यों फूटबॉल खेल रहे हो
हमारे नाम न जमीन है
न पेड़
न जैतून की ऐसी कोई डाली
गनीमत है हवा – धूप
अब तक मुफ्त है
गनीमत है
मैं ने फांसी नहीं लगाई
भारी मन फिर भी कलरवरत हूं
ठंड की कंपकंपी है
या डर की सिहरन
मौसम इतना निष्ठुर
तो कभी नहीं रहा
कि माइनस चौबीस डिग्री का
गोता लगा दे
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यह ज़हरीली हंसी किस की है
भेड़ों की तादाद बढ़ गई है
और ऊनों के
बाजार भाव गिर गए हैं
ग्लोबल वार्मिंग का असर
कुछ ज्यादा है
समूह सात के एजेंडे में
यह एक प्रमुख प्रोपेगैंडा है
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ऐसे हमारा सुझाव है
अब घर जाओ
खाना खाओ
और सो जाओ
सियाचिन की इस बर्फबारी में
एवलांच का जोखम क्यों उठा रहे हो
अंटार्कटिका की
अपूर्व मुर्दा शांति मेरे जीवन काल में
क्या कभी पिघलेगी भी
ऐसे मेरी मां कई प्रकाश वर्ष
मुझे जीने का वरदान
या यूं कहूं कि अभिशाप दे रखी है
फिर भी, मैं ऐसा नेगेटिव
क्यों सोचता रहता हूं
- राम प्रसाद यादव
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