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हम चुप रहेंगे

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पहले वे कश्मीर में
टेलीफोन और इंटरनेट सेवा बंद करेंगे
हम चुप रहेंगे
फिर वे कश्मीर में बिजली पानी काटेंगे
हम चुप रहेंगे
फिर वे कश्मीरी बच्चों को उनके
घरों से उठा कर
किसी अज्ञात स्थान पर ले जाएंंगे
जहांं से वे कभी नहीं लौटेंगे
हम उन बच्चों के उदास घरों के सामने से
गुज़र जाएंंगे
उन बच्चों की मांंओं की पथराई हुई
आंंखों से बचते हुए
हम चुप रहेंगे

फिर एक दिन
वे हमारे अन्न दाताओं की बिजली पानी
इंटरनेट काटेंगे
हम चुप रहेंगे

पिछली बार मरने वाले लोग
दूसरे धर्म के थे
इस बार सभी धर्मों के हैं

लेकिन
हमने अपनी आवाज़ उठाने का हक़
पिछली रुत में खो दिया था
छिपकलियों की तरह
दीवार पर टंगी
तस्वीर के पीछे छिप कर

हम वाक़ई सो सकते हैं
घर के दूसरे हिस्से में
जब उसके एक हिस्से में लगी हो आग !

  • सुब्रतो चटर्जी

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ROHIT SHARMA

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