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भ्रष्टाचारियों और काले धन वाले की वैतरणी बनी भाजपा

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सोशल मीडिया पर ‘‘शर्तिया इलाज’’ शीर्षक से एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसके नीचे लिखा गया है –

‘‘क्या आप भ्रष्ट है ?
‘‘क्या आपने अन्य पार्टी में रहकर काला धन कमाया है ?
‘‘क्या आप काले धन वाले बिजनेस-मैन हैं ?
‘‘क्या आप पर सीबीआई की जांच चल रही है ?
‘‘क्या आप पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है ?
‘‘क्या आपके पीछे आईटी वाले हैं ?
‘‘क्या आपके पास काला धन है ?
‘‘क्या आपको रात में नींद नहीं आती है ?
‘‘क्या आपकी कोई सीडी बाजार में आ गई है ?
‘‘क्या आप अपराध में शामिल है ?
‘‘क्या आपको एक साल में 50 हजार से 80 करोड़ कमाने में ?

‘‘अगर हां, तो फिर परेशान मत होइए. डाॅ. शाह से तुरन्त मिलिए. उनका पता है, बीजेपी क्लिनिक, अशोका रोड, नई दिल्ली. डाॅ. शाह के पास इन सब बिमारियों का इलाज है. वे एक केसरिया रंग का गमछा आपके गले में डालेंगे, जिसके डालते ही आपके सारे कुकर्म और पाप छू-मन्तर हो जायेंगे. उसके बाद आपकी जय जयकार होने लगेगी.’’

उपरोक्त आलेख भारतीय जनता पार्टी की चरित्र को बेखूबी बेनकाब करती है. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के साढ़े तीन साल के कार्यकाल ने उपरोक्त आलेख को सही साबित कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के नेता, कार्यकत्र्ता, विधायक, मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक सारे अपराध, भ्रष्टाचार, हत्या, बलात्कार, गोहत्या, गोमांस निर्यात आदि जैसे तमाम कुकर्म करने के बाद भी पाक-साफ बने हुए हैं, वही भाजपा का विरोध करने वाले बाहर वाले लोगों को इसी तरह के तमाम झूठे और मनगढ़ंत आरोपों में जेल की सजा सुनाई जाती है. मजेदार बात तब होती है जब यह आरोपित व्यक्ति जब भाजपा की सदस्यता प्राप्त कर लेता है तब वे सारे आरोपों से मुक्त हो जाता है. हजारों उदाहरण इस बात को पूर्णतः साबित करते हैं.

पनामा पेपर लीक से लेकर पैराडाईज पेपर लीक तक में दुनिया भर के टैक्स चोर काॅरपोरेट घरानों और नेताओं तक के नाम सार्वजनिक हुए है. केवल पनामा पेपर लीक में 500 भारतीय काॅरपोरेट घरानों और नेताओं के नाम सार्वजनिक हुए. ताजा पैराडाइज पेपर लीक में 714 भारतीय काॅरपोरेट घरानों और नेताओं के नाम सार्वजनिक हुए है. एचएसबीसी पेपर लीक में 1195 भारतीय काॅरपोरेट घरानों के नाम हैं, जबकि इन काॅरपोरेट घरानों द्वारा टैक्स देने के नाम भारत की कुल जीडीपी के 2.34 प्रतिशत तक की धनराशि को विभिन्न विदेशी बैंकों में छुपा कर रख दिया है.

विकिलीक्स ने स्विश बैंकों में कालाधन रखने वाले भारतीयों की पहली सूची जारी की थी, जिसमें प्रथम 24 नाम इस प्रकार से हैं (राशियाँ डाॅलर में हैं ) –

1. मोहन भागवत (56,800,000,000,000)
2. येदुरप्पा (780,000,000,000)
3. मुकेश अम्बानी (15,800,000,000,000)
4. अमित शाह (8,200,000,000,000)
5. स्मृति ईरानी (15,040)
6. अरुण जेटली (2,890,000,000,000)
7. लाल कृष्ण आडवाणी (900,000,000,000)
8. जय ललिता (1,500,000,000,000)
9. आनंदी बेन पटेल (7,500,000,000,000)
10. रमन सिंह (2,800,000,000,000)
11.अडानी (590,000,000,000)
12. शिवराज सिंह चौहान (22,000,000,000,000)
13. अटल बिहारी वाजपेई (7,688,800,000,000)
14. बंगारू दत्तात्रेय (58,211,400,000,000)
15. अनुराग ठाकुर (1,980,000,000,000)
16. मुरली मनोहर जोशी (1,358,000,000,0000)
17.मेनका गांधी (820,000,000,000)                    18. कलराज मिश्र (1,450,000,000,000)
19. रामविलास पासवान (2,890,000,000,000)
20. सुभाष चंद्रा Zee न्यूज़ वाले (900,000,000,000)
21. गिरिराज सिंह (1,500,000,000,000)
22. दिनकर दिवाकर (3,500,000,000,000)
23. यशवंत सिंह (590,000,000,000)
24. राज फाउंडेशन (18,900,800,000,000)

अज्ञात खबर अबतक का स्विस बैंकों मे जमा भारतीय काला धन Rs. 358,679,863,300,000 (लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर), ये धन उन 2000 भारतीयों के हैं जिन्होंने इसे टैक्स छूट के लिए वहाँ जमा किया है.
इतना धन भारत को 10 अमेरिका बनाने के लिए और अगले 100 वर्षो तक के लिए भारत को एक विकसित महाशक्तिशाली राष्ट्र बनाने के लिए पर्याप्त है, परन्तु निर्मल भ्रष्टाचार विरोधी भाजपा की केन्द्र सरकार को यह सब दिखाई नहीं दे रहा है.

जबकि इन्हीं पेपर लीक के आधार पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया गया, उसके वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया गया, परन्तु ‘‘भ्रष्टाचार विरोधी’’ भाजपा काले धन के नाम पर केवल वोट हासिल करती है, परन्तु काले धन के विशाल टापू पर हाथ तक नहीं डालती. इसके उलट जो कोई व्यक्ति या संस्था इस काले धन वाले के खिलाफ कोई कदम उठाती है, उसे ही जड़-मूल उखाड़ फेंकने में जुट जाती है. यही कारण है कि दिल्ली के आम आदमी पार्टी की सरकार को भाजपा की केन्द्र सरकार लगातार अस्थिर करने और जनता के हितों में काम तक करने से रोक रही है. उसके सारे अधिकार एलजी बैजल जैसे ब्यूरोक्रेट के हाथों में देने की कवायद कर रही है.

भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ भाजपा कुछ बोलने या करने के बजाय आज अपनी सारी ताकत देश के तमाम भ्रष्टाचारियों और काले धन के आकाओं को बचाने में लगा दिया है. देश भर के सारे भ्रष्टाचारी और काले धन के व्यापारी आज भाजपा के झंडे तले एकत्रित हो गये हैं, जो भाजपा के झंडे तले अभी तक नहीं आ पाये हैं वे सीबीआई, ईडी जैसी संस्थाओं के लगातार दबाव में हैं, और देर सबेर आ ही जायेंगे. यही शानदार वक्त है जब तमाम भ्रष्टाचारियों और कालेधन के कारोबारियों के खिलाफ एक मुकम्मल कार्रवाई आम जनता कर सकती है, चुनावों में भाजपा को करारी शिकस्त देकर. वरना भारत भ्रष्टाचारियों का स्वर्ग बना रहेगा और देश की आम जनता दाने-दाने को मोहताज मौत को गले लगाती रहेगी.

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