जो पोशाक मैं पहनती हूंं
वह दुनिया भर के इंसानी हाथों की छुअन का
एहसास लिये मुझ तक पहुंंचती है
पैंतीस फ़ीसदी सूत, पैंसठ फ़ीसदी पोलिएस्टर
इस सफ़र की शुरुआत मध्य अमरीका से होती है
अल साल्वाडोर के कपास के खेतों में
खून से सने एक प्रांत में कहीं
जहांं ज़हरीली दवाओं का छिड़काव किए हुए पौधों से
कोई मज़दूर औरत दो डॉलर की खातिर
चिलचिलाती धूप में कपास चुन रही होती है
फिर हम अगले पड़ाव पर पहुंंचते हैं।
कारगिल
फसलों का कारोबार करने वाली
दुनिया की नामी-गिरामी कंपनी
कपास को पनामा नहर और ईस्टर्न सीबोर्ड से ढोते हुए
अमरीका में पहले कदम रखवाती है
साउथ कैरोलिना की बर्लिंगटन मिलों में
उस कपास की पहली मुलाक़ात
डूपोंट की न्यू जर्सी स्थित पेट्रोकेमिकल मिल्स से आए
पोलिएस्टर के रेशों से होती है
डूपोंट के इन रेशों की कहानी
दक्षिण अमरीका के एक देश
वेनेजुएला से शुरू हुई थी
जहांं तेल निकालने के काम में लगे मज़दूर
महज़ छः डॉलर के मेहनताने पर
खतरों से खेलते हुए धरती के गर्भ से तेल निकालते हैं
फिर एक्सॉन नामक
दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी
त्रिनिदाद और टोबागो नाम के देश में
उस कच्चे तेल को पोलिएस्टर में लगने वाले पेट्रोलियम में ढालती है
अब एक बार फिर उसे डूपोंट के कारखानों के लिए
कैरेबियाई और अटलांटिक महासागरों की तरफ रवाना कर दिया जाता है
साउथ कैरोलिना की बर्लिंगटन मिल्स में
अल साल्वाडोर के खून से लथपथ खेतों में उपजे
कपास से मिलने के लिए
साउथ कैरोलिना में
बर्लिंगटन के कारखानों में कर्कश शोर गूंजने लगता है
मशीनें मीलों लम्बे कपड़े के थान उगलने लगती हैं
सीअर्स कंपनी का मालिक अब अपने ईनाम को लेकर
दोबारा कैरेबियाई समंदर का रुख करता है
इस बार उसकी मंजिल है हैती
गुलामी की ज़ंजीरों से आज़ाद होने के लिए छटपटाता एक देश!
उधर राजधानी
पोर्ट औ प्रिंस के महल से बहुत दूर
तीसरी दुनिया की औरतें
सीअर्स कंपनी के निर्देश पर
नए-नए डिज़ाइन और फैशन के कपड़े सीने के लिए
रोज़ाना तीन डॉलर की दिहाड़ी के लालच में खटने लगती हैं
तैयारशुदा ब्लाउज़ अब आखिरी बार
तीसरी दुनिया को अलविदा कह प्लास्टिक में लिपट कर
मेरे जिस्म पर सजने के लिए समंदर में रवाना होता है
और तीसरी दुनिया की मेरी यह बहन
अपने जिस्म पर अँधेरे की चादर लपेटे
सूने आसमान में ना जाने क्या तकने लगती है
और मैं पहुंंच जाती हूंं सीअर्स के शोरूम में
जहांं मैं अपना ब्लाउज़ खरीदती हूंं
बीस परसेंट डिस्काउंट पर
क्या मैं अब भी यकीन से कह सकती हूंं कि मैं कसूरवार नहीं हूंं ?
- बेर्निस जॉनसन रीगन
(बेर्निस जॉनसन रीगन ने 1985 में इस गीत के बोल लिखे और संगीतबद्ध किया था. स्वीट हनी इन द रॉक नाम के एक बैंड ने पहली बार इसे मंच पर गाया.)
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