कल
मुठभेड़ में मरने की
उसकी बारी थी
आज मेरी है
कल तुम्हारी
फिर परसों
किसी और की होगी
कृपया
शांति
पंक्ति
और भक्ति
बनाए रखें
कानून और
अनुशासन में रहते
अपनी अपनी बारी के
आने का इंतज़ार करें
मालूम हो
हम कोई कबाइली मुल्क नहीं हैं
- राम प्रसाद यादव
विशाखपट्टणम
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